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फिल्म ‘एनिमल’ में महिलाओं का किरदार काफी मजेदार: नरगिस फाखरी

मुंबई। एक्ट्रेस नरगिस फाखरी (Nargis Fakhri) हाल ही में स्ट्रीमिंग सीरीज ‘टटलूबाज’ को लेकर चर्चा में बनी हुई है। दर्शक उनके काम की काफी सराहना कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि वह निर्देशक संदीप रेड्डी वांगा (Sandeep Reddy Vanga), कबीर खान और राजकुमार हिरानी के साथ काम करना चाहती हैं। संदीप रेड्डी वांगा के बारे में बात करते हुए एक्ट्रेस नरगिस ने कहा ‘एनिमल’ में रणबीर कपूर के लिए किरदार को जिस तरह से तैयार किया गया था, वह अंदाज मुझे काफी पसंद आया।

जिस तरह से उन्होंने अल्फा एनर्जी को एक्सप्लोर किया वह वाकई प्रभावशाली था! और देखिए कि उन्होंने अपनी फिल्म की महिलाओं के लिए भी किरदारों को कितनी अच्छी तरह से तैयार किया है। भले ही वे “लीड रोल” में नहीं थीं, लेकिन उनके किरदार काफी मजेदार थे। एक्ट्रेस ने आगे बताया कि संदीप के अलावा, वह फिल्म निर्माता राजकुमार हिरानी (Rajkumar Hirani) व कबीर खान की कहानियों को भी पसंद करती हैं, साथ ही उनकी फिल्म में काम करना चाहती हैं।

उन्होंने कहा मुझे लगता है कि राजकुमार हिरानी की ‘मुन्ना भाई एमबीबीएस’ और ‘संजू’ जैसी हिट फिल्में इंडस्ट्री में नयापन लाती हैं, यह शानदार पलों से भरपूर हैं और जिस तरह से उनकी फिल्में दर्शकों के दिलों को छूती हैं, वह वाकई काबिले तारीफ है। मेरा कबीर खान (Kabir Khan) के साथ भी काम करने का सपना है। उनकी ‘एक था टाइगर’ जैसी जबरदस्त एक्शन फिल्में मुझे काफी पसंद है। मैं कहानी कहने के उनके पैशन की प्रशंसा करती हूं। नरगिस फाखरी ने इम्तियाज अली की फिल्म ‘रॉकस्टार’ से डेब्यू किया।

उन्होंने बॉलीवुड (Bollywood) के कुछ बेहतरीन निर्देशकों जैसे डेविड धवन के साथ ‘मैं तेरा हीरो’, शूजित सरकार के साथ ‘मद्रास कैफे’ और रोहित धवन के साथ ‘ढिशूम’ जैसी फिल्मों में काम किया है। बता दें कि फिल्म ‘एनिमल’ (Film Animal) 1 दिसंबर को सिनेमाघरों में रिलीज हुई थी। इसमें रणबीर कपूर, रश्मिका मंदाना और अनिल कपूर लीड रोल में थे। फिल्म वायलेंस सीन्स को लेकर काफी विवादों में रही थी। यह मामला संसद पहुंच गया था।

रिलीज के कुछ दिनों बाद राज्यसभा में कांग्रेस की महिला सांसद रंजीत रंजन (Ranjit Ranjan) ने एनिमल फिल्म का मुद्दा उठाते हुए कहा था कि मेरी बेटी, कॉलेज की सहेलियों के साथ ‘एनिमल’ देखने गई थीं। लेकिन, वो फिल्म को आधे में छोड़कर ही बाहर आ गईं और रोते हुए थिएटर से बाहर निकलीं। उन्होंने आगे कहा आखिर एक फिल्म में इतनी हिंसा क्यों? फिल्मों में महिलाओं के साथ हिंसा और अपमान को जस्टिफाई करना बिलकुल ठीक नहीं है। इस फिल्म का किरदार जिस तरह अपनी पत्नी के साथ व्यवहार करता है, उसे फिल्म में जस्टिफाई करते दिखाया गया है। इस पर विचार करना जरूरी है।

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By NI Entertainment Desk

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