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भारत रत्न की राजनीति

जयंत चौधरी का रुख पूरे विपक्ष की राजनीति पर एक प्रश्नचिह्न है। यह संकेत है कि ज्यादातर विपक्षी नेताओं की प्राथमिकता अपना और अपने परिवार का हित है। जब भाजपा उन हितों से तालमेल बैठा देती है, तो वे सहज ही उसकी तरफ खिंच जाते हैं।

आरएलडी के नेता जयंत चौधरी ने राज्यसभा में कहा कि मोदी सरकार ने उनके दादा चौधरी चरण सिंह को भारत रत्न से सम्मानित कर उनका दिल जीत लिया है। इसके पहले वे कह चुके थे कि अब भाजपा उन्हें अपने गठबंधन में बुलाती है, तो वे किस मुंह से उस न्योते को ठुकराएंगे! यह कहते हुए चौधरी अपने उन पूर्व बयानों को भूल गए, जिनमें उन्होंने मौजूदा केंद्र सरकार पर किसान विरोधी और सांप्रदायिक होने के इल्जाम लगाए थे। चौधरी का यह रुख असल में पूरे विपक्ष की राजनीति पर एक प्रश्नचिह्न है। यह इसका संकेत है कि विपक्ष के ज्यादातर नेता अपने और अपने परिवार के हित की लड़ाई लड़ रहे हैं। जब भाजपा उन हितों से तालमेल बैठा देती है, तो वे सहज ही उसकी तरफ खिंच जाते हैं। केंद्र ने ऐसे तालमेल बिठाने के लिए अब देश के सर्वोच्च सम्मान भारत रत्न को औजार बना लिया है। अपने सियासी समीकरण बिठाने के लिए एक महीने के अंदर उसने पांच दिवंगत शख्सियतों को यह सम्मान प्रदान कर दिया है। जिन व्यक्तियों सम्मानित किया गया है, उनमें सिर्फ एमएस स्वामीनाथन ही गैर-सियासी हैं।

हालांकि उनके सम्मान को भी तमिलनाडु में भाजपा की चुनावी प्राथमिकताओं से जोड़कर देखा जा सकता है। यह बात पहले से स्पष्ट है कि भाजपा की आज की कामयाबियों का एक बड़ा कारण 1990 के दशक में उभरी तीनों प्रमुख परिघटनाओं- मार्केट, मंदिर और मंडल को अपने में समाहित कर लेना है। ऐसे में पीवी नरसिंह राव, लालकृष्ण आडवाणी और कर्पूरी ठाकुर/ चौधरी चरण को सम्मानित करना उसके वर्तमान राजनीतिक समीकरणों से पूरी तरह मेल खाता है। जातीय प्रतिनिधित्व और प्रतीकों की राजनीति को साधने की वह महारत हासिल कर चुकी है। चूंकि विपक्ष नए सिरे से अपनी राजनीति का पुनर्आविष्कार करने में विफल रहा है, इसलिए भाजपा की इस कामयाबी ने ज्यादातर विपक्षी दलों और नेताओं को लगभग अस्त्र-विहीन बना दिया है। चूंकि भारत रत्न और अन्य नागरिक सम्मानों का अपने शासनकाल में उन्होंने भी सियासी मकसदों से इस्तेमाल किया था, इसलिए वे देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान के कथित अवमूल्यन पर आज शोर मचाने की स्थिति में भी नहीं हैं।

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By NI Editorial

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