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जरूरी हैं एहतियाती तैयारियां

गजा में इजराइली हमलों के कारण पश्चिम एशिया में क्षेत्रीय युद्ध भड़कने का खतरा पैदा हो गया है। नतीजतन, वैश्विक सप्लाई चेन भंग होने लगा है। इससे फिर महंगाई का दौर आने की आशंकाएं गहराती जा रही हैं।

भारतीय नौसेना की तत्परता ने उस जहाज को समुद्री डाकुओं से अपहरण के कुछ घंटों के अंदर ही छुड़ा लिया, जिस पर कम-से-कम 15 भारतीय कर्मचारी सवार थे। एमवी लीला नॉरफोक नाम के इस जहाज पर लाइबेरिया का झंडा लगा हुआ था। चार जनवरी की शाम हथियारों से लैस पांच-छह अज्ञात लोग जहाज पर सवार हो गए थे। यह खबर मिलने के बाद भारत के लड़ाकू जहाज ‘आईएनएस चेन्नई’ को एमवी लीला की मदद के लिए भेजा गया। भारतीय नौसेना का एक विमान भी अपहृत जहाज के ऊपर से उड़ा। आखिरकार डाकू संभवतः जहाज को छोड़कर भाग गए, क्योंकि जब जहाज की जांच-पड़ताल की गई, तो उस पर कोई अवांछित व्यक्ति नहीं मिला। यह घटना शायद नहीं होती, अगर इजराइल-फिलस्तीन युद्ध के कारण लाल सागर में तनाव पैदा नहीं हुआ होता। तब संभवतः जहाज को रूट बदलकर उस तरफ जाने की जरूरत नहीं पड़ती, जहां यह घटना हुई। लाल लागर में यमन के हूती गुट के हमलों के कारण जहाजों की आवाजाही असुरक्षित हो गई है।

हूती ने गजा में फिलिस्तीनीयों के साथ एकजुटता दिखाने के लिए लाल सागर में भी ड्रोन और मिसाइल हमले किए हैं। उसने कहा है कि इजराइल से संबंधित सभी जहाजों को निशाना बनाया जाएगा। उसके हमलों के बाद कई जहाजों को रास्ता बदलना पड़ा है। पिछले महीने भारत के तट से 370 किलोमीटर दूर ‘एमवी केम प्लूटो’ टैंकर पर एक ड्रोन से हमला हुआ था। उसके बाद से भारतीय नौसेना ने चौकसी बढ़ा दी है। उसका फायदा एमवी लीला को मिला। जैसे हालात हैं, उनके बीच अभी इस चौकसी को लंबे समय तक जारी रखने की जरूरत पड़ सकती है। गजा में इजराइली हमलों के कारण पश्चिम एशिया में क्षेत्रीय युद्ध भड़क जाने का खतरा पैदा हो गया है। लेबनान, इराक, सीरिया इसकी जद में आ चुके हैं। अमेरिका संभवतः ईरान को भी इस दायरे में खींच लेगा। उस हालत में वैश्विक सप्लाई चेन के भंग होने की गंभीर स्थिति पैदा हो जाएगी। इसीलिए पूरी दुनिया में एक बार फिर महंगाई का दौर आने की आशंकाएं जताई जा रही हैं। उन स्थितियों के लिए भी एहतियाती तैयारी की जरूरत है।

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By NI Editorial

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