जब इंटरनेट और मोबाइल बैंकिंग का चलन बढ़ता जा रहा है, उस दौर में रिजर्व बैंक के नियमों पर गंभीरता से अमल ना करना ग्राहकों को खतरे में डालना ही माना जाएगा। कोटक महिंद्रा बैंक ऐसी ही अगंभीरता दिखाई।
कोटक महिंद्रा बैंक भारतीय रिजर्व बैंक की कार्रवाई के दायरे में आने वाला नया वित्तीय संस्थान बना है। इसी वर्ष पेटीएम बैंक, जेएम फाइनेंशियल, और आईआईएफएल फाइनेंस पर भी रिजर्व बैंक को कार्रवाई करनी पड़ी। इसके पहले 2023 में बैंक ऑफ बड़ौदा और बजाज फाइनेंस को आरबीआई ने अपनी कार्रवाई के घेरे में लिया था। कुछ और पहले जाएं, तो एचडीएफसी बैंक, अमेरिकन एक्सप्रेस, मास्टर कार्ड और एम एंड एम फाइनेंस के नाम भी इस श्रेणी में आते हैं। इन सभी संस्थानों के मामले में सामान्य बात यह है कि उन्होंने ग्राहकों और उनके डेटा की सुरक्षा के पुख्ता प्रबंध नहीं किए। एचडीएफसी बैंक, अमेरिकन एक्सप्रेस, मास्टर कार्ड और एम एंड एम फाइनेंस ने कार्रवाई के बाद अपने यहां सुधार के कदम उठाए, जिसके बाद उन पर लगे प्रतिबंध हटा लिए गए थे। लेकिन बाकी बैंकों और वित्तीय संस्थानों पर लगीं पाबंदियां अभी भी जारी हैं।
अब कोटक महिंद्रा बैंक के नए ग्राहक बनाने या नए क्रेडिट कार्ड जारी करने पर रिजर्व बैंक ने रोक लगा दी है। रिजर्व बैंक ने लगातार दो वर्ष 2022 और 2023 में कोटक महिंद्रा बैंक को अपनी चिंताएं बताईं। लेकिन कोटक महिंद्रा बैंक उन्हें दूर करने के उपाय करने में नाकाम रहा। ये चिंताएं साइबर सुरक्षा, सूचना तकनीक संबंधी जोखिम और सूचना प्रबंधन संबंधी जोखिमों से संबंधित थीं। रिजर्व बैंक ने इन सभी मामलों में विशेष नियम बना रखे हैं। जब इंटरनेट और मोबाइल बैंकिंग का चलन बढ़ता जा रहा है, उस दौर में इन नियमों पर गंभीरता से अमल ना करना ग्राहकों को खतरे में डालना ही माना जाएगा। ध्यान देने योग्य है कि खासकर प्राइवेट बैंकों में उच्च एवं उच्च मध्य वर्गीय ग्राहक ही जाते हैं, जो अधिकतर इंटरनेट के जरिए अब बैंकिंग सेवाओं का इस्तेमाल कर रहे हैं। यह गौरतलब है कि पिछले चार वर्षों में रिजर्व बैंक की कार्रवाई के दायरे में जो संस्थान आए हैं, उनमें एक को छोड़ कर सभी निजी क्षेत्र के वित्तीय संस्थान हैं। वैसे आज के दौर में कोई वित्तीय संस्थान लापरवाही का जोखिम नहीं उठा सकता। इसलिए रिजर्व बैंक की ताजा कार्रवाई को स्वागतयोग्य माना जाएगा।