धुर-दक्षिण एजेंडे के लिए पुर्तगाल में बढ़े समर्थन को वर्तमान यूरोपीय परिघटना का हिस्सा माना जा रहा है। दूसरे विश्व युद्ध के बाद से पूरे यूरोप में लोकप्रिय रही सोशल डेमोक्रेटिक पार्टियों का शासन अब 27 सदस्यीय यूरोपियन यूनियन के सिर्फ चार देशों में बचा है। socialists party
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पुर्तगाल में अपेक्षा के मुताबिक ही सोशलिस्ट पार्टी के हाथ से सत्ता निकल गई है। लेकिन दक्षिणपंथी डेमोक्रेटिक एलांयस भी निर्णायक जीत हासिल नहीं कर पाया है। इन दोनों पार्टियों को मिले वोट प्रतिशत में मामूली अंतर है। 1974 में तानाशाही की समाप्ति के बाद पुर्तगाल में ऐसी स्थिति पहली बार बनी है, जब देश की दोनों प्रमुख पार्टियां अपने सहयोगी दलों को साथ लेकर भी सरकार बनाने की सूरत में नहीं है। यह सूरत धुर-दक्षिणपंथी/ नव-नाजीवादी पार्टी चेगा (बहुत हो चुका) के समर्थन आधार में तेजी से हुई बढ़ोतरी के कारण पैदा हुई है। चेगा को 2019 के चुनाव में 1.7 प्रतिशत वोट मिले थे। 2022 में उसे सात प्रतिशत वोट मिले। इस बार के मध्यावधि चुनाव में उसने 18 फीसदी मत हासिल कर लिए हैं। इन वोटों के आधार पर 230 सदस्यीय संसद में उसे 46 सीटें प्राप्त हो जाएंगी। इस पार्टी का प्रमुख एजेंडा आव्रजन, समलैंगिकता एवं महिला अधिकार विरोध है। इस एजेंडे के लिए पुर्तगाल में बढ़े समर्थन को आम तौर पर इस समय जारी यूरोपीय परिघटना का हिस्सा माना जा रहा है। इसी अनुपात में सोशल डेमोक्रेटिक पार्टियों का आधार क्षीण हुआ है।
ओपेनहाइमर सचमुच सिकंदर!
अब हालात ऐसे हैं कि दूसरे विश्व युद्ध के बाद से पूरे यूरोप में लोकप्रिय रही सोशल डेमोक्रेटिक पार्टियों का शासन 27 सदस्यीय यूरोपियन यूनियन के सिर्फ चार देशों में बचा है। उनमें भी स्पेन में सोशलिस्ट पार्टी की सरकार बमुश्किल टिकी हुई है। जबकि आम अनुमान है कि जर्मनी में अगले आम चुनाव में सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी (एसपीडी) को भारी नुकसान झेलना होगा। इसीलिए आम समझ है पुर्तगाल के ताजा नतीजों से यूरोप में धुर-दक्षिणपंथ का कारवां आगे बढ़ा है। इसका असर नौ जून को होने वाले यूरोपीय संसद के चुनाव में देखने को मिल सकता है, जिसमें विभिन्न देशों में धुर दक्षिणपंथी पार्टियों को बड़ी सफलता मिलने का अनुमान लगाया जा रहा है। घटनाक्रम का कुल सार यह है कि समृद्धि और आम संपन्नता का दौर गुजरते ही यूरोप के बहुचर्चित कल्याणकारी ढांचे की चूलें हिलने लगी हैं। इस महाद्वीप पर भी (डॉनल्ड) ट्रंप परिघटना का साया हर रोज अधिक गहराता जा रहा है।