mahakumbh 2025: मौनी अमावश्या पर अमृत स्नान के लिए भारी भीड़ का उमड़ना अपेक्षित था। इसके मद्देनजर इंतजाम ना करना आखिर प्रबंधकों और उनके नियंताओं की जिम्मेदारी ही मानी जाएगी। उससे भी ज्यादा पीड़ादायक हादसा होने के बाद सूचनाओं को छिपाने की कोशिश रही है।
प्रयागराज चले महाकुंभ के दौरान मौनी अमावश्या पर हुई त्रासदी जन मानस पर गहरा दाग छोड़ गई है। महाकुंभ हिंदू परंपरा में सदियों से पवित्र और महात्म्य का अवसर रहा है।
इस मौके पर लाखों लोग त्रिवेणी में स्नान कर अपनी धार्मिक भावना का परिचय देते रहे हैं। परंपरा तब से जारी है, जब परिवहन के आधुनिक साधन नहीं थे और जब सरकारी स्तर पर कुंभ का प्रबंधन नहीं किया जाता था।
समाजसेवी जरूर इस मौके पर लोगों की सहायता कर धर्मक्रिया में अपना योगदान करते थे। अनियंत्रित भीड़ आने के साथ दुर्घटनाओं का होना भी कोई अजूबा नहीं है।(mahakumbh 2025)
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लेकिन इस बार लोगों की उमड़ी भीड़ के बीच जैसा दर्दनाक मंजर उभरा, उसका एक खास संदर्भ है।
इस बार जिस तरह महाकुंभ को एक विशेष राजनीतिक परियोजना जोड़ने की कोशिश हुई और उसके साथ ही वहां की यात्रा को स्टेटस सिंबल बनाने के प्रयास हुए, उसे देखते हुए ये त्रासदी और भी अधिक पीड़ादायक बन जाती है।
खुद कई अखाड़ों के महामंडलेश्वर यह कहते सुने गए हैं कि जैसा वीवीआईपी कल्चर इस बार दिखा, वैसा पहले कभी नहीं होता था। नतीजतन, प्रयागराज जाने का जैसा जोश इस बार दिख रहा है, वह अभूतपूर्व ही है।
मौनी अमावश्या पर शाही स्नान, जिसे अब अमृत स्नान नाम दे दिया गया है, के लिए भारी भीड़ का उमड़ना अपेक्षित था।(mahakumbh 2025)
छोटी-मोटी घटना(mahakumbh 2025)
इसके मद्देनजर इंतजाम ना करना आखिर प्रबंधकों और उनके नियंताओं की जिम्मेदारी ही मानी जाएगी। उससे भी ज्यादा पीड़ादायक हादसा होने के बाद सूचनाओं को छिपाने की कोशिश रही है।
उत्तर प्रदेश के एक मंत्री ने तो इसे ‘छोटी-मोटी घटना’ बता दिया। आधिकारिक स्तर पर इस तरह की असंवेदनशीलता के कारण सोशल मीडिया पर तरह-तरह की चर्चाओं को बल मिला और हताहत हुए लोगों के बारे कयास की आंधी चली।
जबकि आवश्यकता तुरंत घटना के बारे में पूरी पारदर्शिता की थी। तुरंत हताहत व्यक्तियों की सूची सरकारी तौर पर जारी करने की शुरुआत की जाती, तो कयासों को रोका जा सकता था।
अब आवश्यकता अगले तीन शाही स्नानों के दिन मौनी अमावश्यता की गलतियों से सीखने की है, ताकि आगे सब कुछ सकुशल गुजर सके।(mahakumbh 2025)