राज्य-शहर ई पेपर व्यूज़- विचार

व्यापार संतुलन पर दबाव

अप्रैल में हुए कुल व्यापार घाटे में सबसे बड़ा योगदान सोना और कच्चे तेल का रहा। सोने का आयात लगभग तिगुना होकर 3.11 बिलियन डॉलर तक पहुंच गया। 20.2 फीसदी बढ़ोतरी के साथ कच्चे तेल का कुल आयात 16.64 बिलियन डॉलर का रहा।

इस वित्त वर्ष के पहले महीने- यानी अप्रैल में भारत के व्यापार घाटे में 19.1 बिलियन डॉलर की बढ़ोतरी हुई। इसका प्रमुख कारण आयात में भारी वृद्धि है। अप्रैल में कुल निर्यात 34.62 बिलियन डॉलर का रहा, जबकि आयात 54.09 बिलियन डॉलर तक पहुंच गया। आयात बढ़ने का एक प्रमुख कारण अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोना और कच्चे तेल का भाव तेजी से बढ़ना है। इन दोनों वस्तुओं के आयात पर भारत को अधिक रकम खर्च करनी पड़ी। इस तरह आयात में बढ़ोतरी से यह संकेत ग्रहण करना उचित नहीं होगा कि देश के अंदर औद्योगिक या कारोबारी गतिविधियां तेज होने के कारण अधिक आयात की जरूरत पड़ी। कच्चे तेल के दाम मुख्य रूप से बढ़ रहे अंतरराष्ट्रीय तनाव और लाल सागर के संकट की वजह से बढ़ रहे हैं। दूसरी तरफ बढ़ते भू-राजनीतिक तनाव के कारण सेंट्रल बैंक, और कुछ प्रमुख निजी संस्थान भी, अपने भंडार में अधिक सोना जमा कर रहे हैं। इस वजह से महंगा होने के बावजूद सोने की मांग बढ़ रही है।

इन दोनों रुझानों में कमी आने की संभावना निकट भविष्य में नहीं है। अप्रैल में इन दोनों वस्तुओं के आयात पर भारत को कुल 19.74 बिलियन डॉलर खर्च करने पड़े। इस बीच इंजीनियरिंग उत्पादों, रत्न और जेवरात, चमड़ा, खादी, रेडीमेड कपड़ों आदि के निर्यात में गिरावट आई। विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि पश्चिमी बाजारों में बढ़ रहे संकट के कारण इन चीजों के निर्यात पर दबाव और बढ़ सकता है, जहां ये वस्तुएं सर्वाधिक भेजी जाती हैं। उधर रुपये की कीमत में गिरावट का असर भी व्यापार संतुलन पर पड़ रहा है। ये तथ्य ध्यान में रखना चाहिए कि अधिकांश देशों के निर्यात में गिरावट आई है। पिछले वर्ष चीन और जापान को छोड़ कर सभी बड़े निर्यातक देशों को नुकसान हुआ था। यह अच्छी बात है कि भारत का विदेश मुद्रा भंडार इस समय बेहतर हाल में है। इसलिए व्यापार घाटा बढ़ने से तुरंत किसी बड़े संकट का अंदेशा नहीं है। इसके बावजूद सतर्कता की जरूरत है। ऐसी नीतियां अपनाई जानी चाहिए, जिससे आसन्न अंतरराष्ट्रीय झटकों का मुकाबला करने की स्थिति भारत बना रहे।

Tags :

By NI Editorial

The Nayaindia editorial desk offers a platform for thought-provoking opinions, featuring news and articles rooted in the unique perspectives of its authors.

Leave a comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *