हूती का कहना है कि जब तक गजा में इजराइली कार्रवाई नहीं रुकती, उसके हमले जारी रहेंगे। इससे समुद्री परिवहन पर निर्भर विश्व अर्थव्यवस्था के लिए नया संकट पैदा हो गया है। इस संकट की आंच अब भारत तक पहुंच गई है।
दो दिन में भारत आ रहे जो समुद्री मालवाहक जहाज हमले का निशाना बने। पहला हमला हिंद महासागर में हुआ, जिसके साथ पहली बार इजराइल-फिलस्तीन युद्ध से बन रहे हालात का विस्तार लाल सागर से बाहर तक देखने को मिला। दूसरा हमला लाल सागर में ही हुआ। हमले किसने किए, इस पर रहस्य बना हुआ है। पहले हमले के लिए अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने सीधे ईरान को जिम्मेदार ठहराया है। दूसरे हमले के संबंध में पहले शक यमन के हूती गुट पर गया, लेकिन बाद में हूती ने आरोप लगाया कि भारतीय जहाज एमवी साईं बाबा अमेरिकी फायरिंग का शिकार बना। लाल सागर हूती समूह के हमलों की वजह से जहाजों के आवागमन के लिहाज से लगातार असुरक्षित बना हुआ है। हूती ने एलान कर रखा है कि जिस किसी जहाज का इजराइल से किसी प्रकार का संबंध होगा, उसे वह निशाना बनाएगा। अपनी इस चेतावनी पर उसने अमल भी किया है। नतीजा है कि बहुत सी जहाजरानी कंपनियों ने अपने मालवाही जहाजों के रूट बदल दिए हैँ।
इससे परिवहन की अवधि लंबी हो गई है। यूरोप में इस वजह से महंगाई का नया दौर आने की आशंकाएं भी गहराई हुई हैँ। चूंकि पूरे पश्चिम एशिया में गजा में जारी इजराइली नरसंहार के कारण भारी गुस्सा है, इसलिए ऐसे हमलों से यमन में अपनी वैधता के लिए संघर्षरत हूती समुदाय को भारी सहानुभूति मिल रही है। इसी का नतीजा है कि जब अमेरिका ने जहाजों को सुरक्षा देने के लिए बहुराष्ट्रीय नौ सैनिक इंतजाम करने की पहल की, तो उसे उस क्षेत्र में बहरीन के अलावा के किसी और का साथ नहीं मिला। बल्कि बाद में फ्रांस और स्पेन ने भी उस प्रयास से दूरी बना ली। इस बीच हूती लगातार धमकी दे रहे हैं कि अगर अमेरिका ने उन पर हमला किया, तो वे लाल सागर को उसकी कब्रगाह बना देंगे। हूती का कहना है कि जब तक गजा में इजराइली कार्रवाई नहीं रुकती, उसके हमले जारी रहेंगे। इससे समुद्री परिवहन पर निर्भर विश्व अर्थव्यवस्था के लिए नया संकट पैदा हो गया है। इस संकट की आंच अब भारत तक पहुंच गई है।