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निखिल गुप्ता का प्रत्यर्पण

न्यूयॉर्क की एक अदालत में अमेरिकी एजेंसियों की तरफ से मुकदमा दायर हुआ है। प्रत्यर्पण के बाद सोमवार को निखिल गुप्ता को वहां पेश किया गया। ये वो सारा संदर्भ है, जिसके बीच जेक सुलिवन की नई दिल्ली यात्रा हुई है।

खालिस्तानी उग्रवादी गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या की कथित साजिश के मामले में आरोपी निखिल गुप्ता को चेक रिपब्लिक से अमेरिका भेजे जाने के सिर्फ एक दिन बाद अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन नई दिल्ली पहुंचे। बाइडेन प्रशासन में पन्नू मामले में भारत से संपर्क रखने की जिम्मेदारी सुलिवन के पास ही रही है। पिछले हफ्ते ही उन्होंने कहा था कि वे भारत में ‘सर्वोच्च स्तर’ पर इस मामले को उठाना जारी रखेंगे। सोमवार को सुलिवन ने नई दिल्ली में भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोवल के साथ-साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी मुलाकात की। क्या उन्होंने उन वार्ताओं में पन्नू का मामला उठा, इस बारे में कोई सार्वजनिक सूचना नहीं दी गई है। लेकिन अनुमान है कि उन्होंने ऐसा जरूर किया होगा। बीते अप्रैल में खबर आई थी कि अमेरिकी जांच इस नतीजे पर पहुंची है कि भारत की खुफिया एजेंसी रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (रॉ) के अधिकारी विक्रम यादव ने पन्नू की हत्या कराने के लिए अपराधियों से संपर्क किया था। तब अटकलें लगाई गई थीं कि संभवतः यादव ने ही निखिल गुप्ता को इस काम में लगाया।

इस बीच भारत ने इस मामले की अपनी जांच का एलान किया था। अमेरिकी अधिकारी खुलेआम कह चुके हैं कि उनकी दिलचस्पी इस जांच के निष्कर्षों को जानने में है। इस बीच न्यूयॉर्क की एक अदालत में अमेरिकी एजेंसियों की तरफ से दायर मुकदमा शुरू हो चुका है। सोमवार को निखिल गुप्ता को कोर्ट में पेश किया गया, जहां उसने खुद को निर्दोष बताया। ये वो सारा संदर्भ है, जिसके बीच सुलिवन की नई दिल्ली यात्रा हुई है। बेशक सार्वजनिक तौर पर यही कहा गया है कि वे यहां दोनों देशों के बीच सुरक्षा सहयोग के समझौतों पर अमल की समीक्षा के लिए आए। बेशक, उनके एजेंडे में यह एक प्रमुख बिंदु है। मगर हकीकत यह है कि पन्नू मामले से भारत-अमेरिका संबंधों में एक पेच पड़ा है। रिश्तों को निर्बाध बढ़ाने के लिए इसका समाधान जरूरी है। आशंका यह है कि चूंकि मामला कोर्ट की कार्यवाही का हिस्सा बन गया है, इसलिए संबंधित सूचनाओं को गोपनीय रखना अब कठिन हो जाएगा।

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