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हद तोड़ते इलॉन मस्क

Elon MuskImage Source: ANI

Elon Musk: दुनिया के सबसे धनी लोगों के हितों के पक्ष में मस्क विवेक एवं सर्व-स्वीकृत मर्यादाओं पर हमले करने लगें और एक्स से जरिए उनका प्रचार करने लगें, तो मानव सभ्यता के लिए पैदा होने वाले खतरों का सहज अंदाजा लगाया जा सकता है।

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मस्क दुनिया के सबसे धनी व्यक्ति

इलॉन मस्क के पोस्ट आपकी टाइमलाइन पर आएं, इसके लिए जरूरी नहीं है कि सोशल मीडिया साइट एक्स (पहले ट्विटर) पर आप उन्हें फॉलो करें। यह विशेषाधिकार उन्होंने एक्स का मालिक होने के नाते हासिल कर रखा है। उनका दावा है कि उनके पोस्ट दुनिया भर में 20 करोड़ यूजर्स तक पहुंचते हैँ। संवाद करने की अपनी इस शक्ति का लाभ उठाकर वे मनमानी बातें लोगों तक पहुंचाते हैं।

मस्क दुनिया के सबसे धनी व्यक्ति हैं। अरबपति लोगों के क्लब में उनका उठना-बैठना है। दुनिया भर में ऐसे समूह लगातार अधिक-से-अधिक धुर-दक्षिणपंथी होते गए है। मस्क इसकी सबसे उम्दा मिसाल हैं। यहां तक बात ठीक है। लेकिन दुनिया के एक फीसदी सबसे धनी लोगों के हितों के पक्ष में वे तर्क-वितर्क एवं सर्व-स्वीकृत मर्यादाओं को तोड़ने लगें और एक्स से जरिए उनका प्रचार करने लगें, तो उस स्थिति में समाज और मानव सभ्यता के लिए पैदा होने वाले खतरों का सहज अंदाजा लगाया जा सकता है।

मस्क डॉनल्ड ट्रंप का समर्थन कर रहे

अमेरिका में हो रहे राष्ट्रपति चुनाव में लाजिमी है, मस्क डॉनल्ड ट्रंप का समर्थन कर रहे हैं। लेकिन क्रम में वे ट्रंप की प्रतिद्वंद्वी उप-राष्ट्रपति कमला हैरिस की हत्या के लिए लोगों को भड़काने लगें, तो यह सीधे कानून तोड़ने का मामला बन जाता है। रविवार को ट्रंप की हत्या की दोबारा कोशिश हुई। उस पर एक व्यक्ति ने ट्विट किया- ‘वे ट्रंप को मारना क्यों चाहते हैं? ’ इस पोस्ट को टैग कर मस्क ने री-ट्विट किया- ‘बाइडेन/हैरिस की हत्या की तो कोई भी कोशिश नहीं कर रहा?’ इस पर विवाद होना तय था।

ह्वाइट हाउस ने इस पर असामान्य रूप से कड़ी प्रतिक्रिया जताई। तब मस्क ने वो ट्विट हटा दिया। लेकिन ये अमेरिका की बात है, जहां वे रहते हैं और जहां का कानून उन्हें घेरे में ले सकता है। कुछ समय पहले में मस्क ने वेनेजुएला और ब्राजील की सरकारों के खिलाफ ऐसा ही जहरीला अभियान छेड़ा था। ब्राजील में तब एक्स को प्रतिबंधित किया गया। इस कदम के विरोधी लोगों से सवाल है- जो देश मस्क को अपने कानून के घेरे में लेने में अक्षम हैं, उनके पास आखिर और क्या रास्ता है?

By NI Editorial

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