घटना का शिकार अपेक्षाकृत समृद्ध छात्र बने। संभवतः इसलिए ये मामला मीडिया और राजनीतिक हलकों में बड़ा मुद्दा बन पाया। वरना, अपने देश में इनसान की जिंदगी इतनी मूल्यवान नहीं समझी जाती कि उस पर उपरोक्त समूह अपना इतना वक्त ज़ाया करें!
नई दिल्ली के ओल्ड राजेंद्र नगर में राउ आईएएस कोचिंग सेंटर में घुसा सीवर का पानी भारत में भ्रष्टाचार और जवाबदेही के अभाव के कारण दांव पर लगती जिंदगियों की दर्दनाक कहानी है। देश की सबसे ऊंची प्रशासनिक सेवा की तैयारी करने वाले छात्रों के लिए चलने वाले सबसे महंगे कोचिंग सेंटर्स में बिना इजाजत के बेसमेंट में लाइब्रेरीज चलाई जा रही हों और शिकायत करने के बाद पास में जाम पड़े सीवर का कोई हल ना निकाला जाए, तो उसका यही मतलब समझा जाएगा कि इस घटना में गई तीन जानों के लिए स्थानीय प्रशासन, कोचिंग का व्यापार करने वाले कारोबारी और सबसे ऊपर देश की सरकार की जिम्मेदार है। घटना का शिकार आईएएस की कोचिंग करने आए छात्र बने, जो अपेक्षाकृत समृद्ध पृष्ठभूमि से आते हैं, संभवतः इसलिए ये मामला मीडिया और राजनीतिक हलकों में बड़ा मुद्दा बन पाया। वरना, अपने देश में इनसान की जिंदगी इतनी मूल्यवान नहीं समझी जाती कि उस पर उपरोक्त समूह अपना इतना वक्त ज़ाया करें! बिना ज्यादा बारिश हुए बेसमेंट में बनी लाइब्रेरी में घुसे पानी का बहाव इतना तेज था कि तीन छात्रों की मौत हो गई।
कई दूसरे छात्रों को नेशनल डिजास्टर रिस्पॉन्स फोर्स के गोताखोरों ने बाहर निकाला। एक छात्र ने मीडिया के सामने आकर कहा है कि उसने महीने भर पहले गैर-कानूनी ढंग से बेसमेंट लाइब्रेरी चलाए जाने की शिकायत ऑनलाइन माध्यम से दर्ज कराई थी। कई अन्य लोगों ने बताया है कि वहां सीवर जाम होने की समस्या कई दिनों से थी, जिसकी सूचना दिल्ली नगर निगम के अधिकारियों को थी। मगर कोई कार्रवाई नहीं हुई। क्यों? कोचिंग संस्थान पैसे वाले लोग चलाते हैं। उनका पैसे वाले लोगों और राजनेताओं के साथ उठना-बैठना होता है। इसलिए नियम-कायदों को ताक पर रख कर वे मनमानी करते रहते हैं। दुर्घटनाग्रस्त हुई बिल्डिंग ऐसी अकेली नहीं है, जहां इस तरह की आपराधिक लापरवाही बरती जा रही हो। हादसे के बाद उस इलाके में सैकड़ों छात्र इसीलिए आक्रोश में विरोध प्रदर्शन करने को मजबूर हुए, जिन्हें पुलिस अपने अंदाज में घसीट कर ले गई। और इसके साथ ही घटना के बाद की खानापूरी शुरू हो गई है।