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भारत में साइबर अपराध

cyber crime in indiaImage Source: ANI

cyber crime in india: मैपिंग ग्लोबल जियोग्राफी ऑफ साइबर क्राइम विद द वर्ल्ड साइबर क्राइम इंडेक्सशीर्षक से जारी शोध रिपोर्ट में विशेषज्ञों ने बताया कि कहां साइबर अपराध सबसे ज्यादा हो रहे हैं। इस सूची में 15 देशों के नाम हैं, जिसमें भारत दसवें स्थान पर आया है।

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भारत में बढ़ते साइबर अपराध

वर्धमान ग्रुप के 82 वर्षीय चेयरमैन के साथ हुई घटना ने भारत में बढ़ते साइबर अपराध की ओर ध्यान खींचा है। चेयरमैन एसपी ओसवाल के साथ लगभग 6.9 करोड़ रुपये की ठगी हुई। ठगों ने उन्हें सुप्रीम कोर्ट की नकली ऑनलाइन सुनवाई में बुलाया और जेल भेजने की धमकी देकर उनसे यह रकम ट्रांसफर करवा ली। हालांकि हाल में डिजिटल और ऑनलाइन धोखाधड़ी के अनगिनत मामले सामने आए हैं, लेकिन सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई का नाटक कर ठगने की बात पहले कभी नहीं सुनी गई थी।

ऑनलाइन कोर्ट सुनवाई में एक व्यक्ति प्रधान न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ बन कर पेश हुआ। इसी दौरान उनसे कहा गया कि जांच के हिस्से के रूप में वे 6.9 करोड़ रुपये एक खाते में जमा करा दें। कुछ समय पहले भारत सरकार ने साइबर अपराधों के बारे में चेतावनी जारी की थी। गृह मंत्रालय ने कहा था कि संभव है ऐसी घटनाओं को सीमा पार स्थित आपराधिक गिरोह अंजाम दे रहे हों। एनसीआरबी के मुताबिक 2021 में भारत में साइबर अपराध के 52,974 मामले दर्ज हुए। 2022 में इनमें लगभग 24 फीसदी बढ़ोतरी हुई और कुल 65,893 मामले दर्ज हुए।

दुनिया का पहला साइबर क्राइम इंडेक्स

ब्रिटेन की ऑक्सफॉर्ड यूनिवर्सिटी के समाजशास्त्र विभाग के शोधकर्ताओं ने इसी साल दुनिया का पहला साइबर क्राइम इंडेक्स जारी किया। उसमें भारत को खास जगह मिली। ‘मैपिंग ग्लोबल जियोग्राफी ऑफ साइबर क्राइम विद द वर्ल्ड साइबर क्राइम इंडेक्स’ शीर्षक से जारी शोध रिपोर्ट में विशेषज्ञों ने बताया कि कहां साइबर अपराध सबसे ज्यादा हो रहे हैं। इस सूची में 15 देशों के नाम हैं, जिसमें भारत दसवें स्थान पर आया है।

हालांकि केंद्रीय गृह मंत्रालय ने साइबर अपराध की घटनाओं को विदेश से अंजाम दिए जाने का संदेह जताया है, लेकिन ऐसी मीडिया रिपोर्टें हैं, जिनके मुताबिक भारत के कई शहर साइबर अपराधियों का केंद्र बन गए हैं। छोटी-मोटी घटनाएं तो रोजमर्रा के स्तर पर हो रही हैं। असल मुद्दा यह है कि सरकार की साइबर अपराध निरोधक एजेंसियां इन्हें रोकने में कामयाब क्यों नहीं हुई हैं? अगर अपराध का जाल फैला रहेगा, तो कभी-कभार वैसी वारदात भी होना लाजिमी है, जिसके शिकार ओसवाल बने हैं।

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By NI Editorial

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