राज्य-शहर ई पेपर व्यूज़- विचार

भारत का ये दौर!

Image Source: ANI

भारतीय समाज में अंधविश्वास का प्रचार और उसके क्रूर नतीजे क्यों सहज स्वीकार्य हो गए हैं? जैसे कि नफरत स्वीकार्य हो गई है। नफरत की ताजा मिसाल कानपुर में बांग्लादेश के साथ चल रहे क्रिकेट टेस्ट के दौरान देखने को मिली है।

उत्तर प्रदेश में हाथरस जिले के एक प्राइवेट स्कूल में स्कूल के प्रबंधकों ने मिल कर दूसरी कक्षा के छात्र कृतार्थ की गला घोंट कर हत्या कर दी। इन मैनेजरों को किसी तांत्रिक ने बताया था कि वे स्कूल के किसी छात्र की बलि चढ़ा दें, तो स्कूल मशहूर हो जाएगा। बताया जाता है कि कुछ समय पहले इन लोगों ने एक अन्य छात्र को मारने की कोशिश की, लेकिन छात्र शोर मचाने में कामयाब हो गया। हैरतअंगेज है कि वो मामला दबाने में ये मैनेजर सफल हो गए। कुछ दिन बाद उन्होंने कृतार्थ की जान ले ली। मामले में पुलिस ने कार्रवाई की है, लेकिन इस घटना पर कोई राष्ट्रीय आक्रोश नहीं दिखा। किसी बड़े नेता ने इसकी निंदा नहीं की।

यानी इसे अपराध की एक सामान्य घटना समझ लिया गया। यह हमारे आज के समाज के बारे में क्या बताता है? भारतीय समाज में अंधविश्वास का संगठित प्रचार और उसके क्रूर नतीजे क्यों सहज स्वीकार्य हो गए हैं? जैसे कि नफरत स्वीकार्य हो गई है। नफरत की ताजा मिसाल कानपुर में बांग्लादेश के साथ चल रहे क्रिकेट टेस्ट के दौरान देखने को मिली है। बांग्लादेश की एक टीम का एक समर्थक अपने शरीर को बांग्लादेश के झंडे के रंग कर और बांग्लादेश के प्रतीक चिह्न को चेहरे पर पेंट कर अक्सर वहां उपस्थिति होता है, जहां उसके देश की टीम खेल रही होती है। ठीक उसी तरह जैसे एक समय सचिन तेंदुलकर और महेंद्र सिंह धोनी का रूप बना कर उनके दो प्रशंसक दर्शक दीर्घा में मौजूद रहते थे।

पाकिस्तानी टीम के समर्थक ‘चाचा’ भी क्रिकेट में अपने ढंग ऐसा रंग जोड़ते रहे हैं। कभी ‘चाचा’ का भारत में भी खूब स्वागत होता था। मगर आज हालात ऐसे हैं कि बांग्लादेशी फैन की कानपुर में भारतीय फैन्स ने इतनी पिटाई की कि उसे अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा। विचारणीय है भविष्य में जब कभी आज के भारत का इतिहास लिखा जाएगा, तो इन घटनाओं का चित्रण किस रूप में होगा? 21वीं सदी में भारत ऐसी संस्कृति में कैसे फंस गया और इसके लिए कौन जवाबदेह है, इतिहास इस पर अपना निर्णय अवश्य देगा।

Leave a comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *