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अब सेबी बनाम हिंडेनबर्ग

हिंडेनबर्ग के ताजा आरोपों से सेबी की छवि खराब हो सकती है, जिसका असर भारतीय शेयर बाजारों की साख पर पड़ेगा। इसलिए अगर सेबी के पास छिपाने को कुछ नहीं है, तो उसे हिंडेबनर्ग पर भारत से अमेरिका तक कड़ी कानूनी कार्रवाई शुरू करनी चाहिए।    

अडानी ग्रुप के बारे में हिंडेनबर्ग ने जो खुलासे किए थे, उस मुद्दे पर अब उसने भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) के खिलाफ भी मोर्चा खोल दिया है। पहला गोला सेबी ने दागा। उसने हिंडनबर्ग को कारण-बताओ नोटिस जारी किया। सेबी ने कहा कि अगर वह हिंडनबर्ग को दोषी पाता है, तो उस पर जुर्माना लग सकता है और उसके भारतीय बाजार में भाग लेने पर प्रतिबंध लगाया जा सकता है। सेबी ने कहा कि हिंडेनबर्ग और उसके मालिक नेथन एंडरसन ने अदानी समूह को जानबूझ कर नुकसान पहुंचाया। उसने अपने एक क्लायंट मार्क किंग्डन और उनकी कंपनी को मुनाफा पहुंचाने के मकसद से ऐसा किया। सेबी ने कहा कि हिंडनबर्ग ने इस मुनाफे में से 25 प्रतिशत हिस्सा लिया। अब इस हिंडनबर्ग ने अपना जवाब पेश करते हुए उलटे सेबी पर ही सवाल उठा दिए हैं।

डनबर्ग के मुताबिक उसने खुद ही जाहिर किया था कि वह अदानी के शेयरों में शॉर्ट-सेलिंग कर रही है। शॉर्ट-सेलिंग का धंधा करने वाली इस कंपनी ने कहा है कि उसने अडानी ग्रुप पर जो आरोप लगाए, उसकी पुष्टि अन्य कम-से-कम 40 मीडिया रिपोर्टों में की गई। जिन अखबारों ने इस खबर को आगे बढ़ाया, उनमें प्रतिष्ठित ब्रिटिश दैनिक फाइनेंशियल टाइम्स भी है। हिंडनबर्ग ने हैरत जताई है कि सेबी ने उन सबको नजरअंदाज कर सिर्फ उसे ही नोटिस भेजा। हिंडेनबर्ग का आरोप है कि नोटिस ‘भारत में सबसे प्रभावशाली व्यक्तियों के भ्रष्टाचार और धोखाधड़ी’ का खुलासा करने वालों को चुप कराने की कोशिश है। उसने आरोप लगाया है कि सेबी ने अडानी से मिल कर शेयर ब्रोकरों पर अडानी समूह में शोर्ट-सेलिंग बंद करने के लिए दबाव डाला। साथ ही सेबी एक अन्य बड़ी भारतीय निवेश कंपनी का नाम लेने से बचती रही, जिसकी इस प्रकरण में कथित भूमिका है। स्पष्टतः ये गंभीर आरोप हैं। इनसे सेबी की छवि खराब हो सकती है, जिसका असर भारतीय शेयर बाजारों की साख पर पड़ेगा। इसलिए सेबी को इस मामले को गंभीरता से लेना चाहिए। अगर उसके पास छिपाने के लिए कुछ नहीं है, तो फिर उसे हिंडेबनर्ग पर भारत से अमेरिका तक कड़ी कानूनी कार्रवाई शुरू करनी चाहिए।

By NI Editorial

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