मुंबई, भाषा। स्थानीय शेयर बाजारों में सोमवार को जोरदार गिरावट आई और बीएसई सेंसेक्स 2,200 अंक से अधिक का गोता लगा गया। वहीं नेशनल स्टॉक एक्सचेंज के निफ्टी में भी 662 अंक की बड़ी गिरावट आई। दुनिया के अन्य देशों के शेयर बाजारों में गिरावट के रुख के बीच बैंक, आईटी, धातु तथा तेल एवं गैस शेयरों में चौतरफा बिकवाली से बाजार नीचे आया।
इस गिरावट से निवेशकों को एक दिन में 15 लाख करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। तीस शेयरों पर आधारित सेंसेक्स 2,222.55 अंक यानी 2.74 प्रतिशत लुढ़क कर एक महीने से अधिक के निचले स्तर 78,759.40 अंक पर बंद हुआ। बाजार में चार जून, 2024 के बाद एक दिन में यह सबसे बड़ी गिरावट है। उस दिन यह 2,686.09 अंक टूटकर 78,295.86 अंक पर बंद हुआ था।
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी भी 662.10 अंक यानी 2.68 प्रतिशत का गोता लगाकर 24,055.60 अंक पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान एक समय यह 824 अंक लुढ़क कर 23,893.70 अंक तक आ गया था। निफ्टी में भी चार जून के बाद यह एक दिन की सबसे बड़ी गिरावट है। उस दिन आम चुनाव के नतीजों के बाद बाजार में पांच प्रतिशत से अधिक की गिरावट आई थी।
सेंसेक्स और निफ्टी में शुक्रवार को एक प्रतिशत से अधिक की गिरावट आई थी। इस प्रकार, पिछले दो कारोबारी सत्रों में दोनों मानक सूचकांकों में करीब चार प्रतिशत की गिरावट आ चुकी है।
बीएसई में सूचीबद्ध कंपनियों का बाजार पूंजीकरण सोमवार को घटकर 441.84 लाख करोड़ रुपये पर आ गया। निवेशकों को शुक्रवार को 4.46 लाख करोड़ रुपये का नुकसान हुआ था। इस प्रकार, दो दिनों में उन्हें 19 लाख करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हो चुका है। छोटी कंपनियों के शेयरों का प्रतिनिधित्व करने वाले बीएसई स्मॉलकैप सूचकांक 4.21 प्रतिशत तथा मझोली कंपनियों से संबद्ध मिडकैप 3.60 प्रतिशत नीचे आया।
विश्लेषकों के अनुसार, वैश्विक स्तर पर जापान में निक्की 12 प्रतिशत से अधिक टूट गया। पश्चिम एशिया में तनाव बढ़ने से बाजार धारणा प्रभावित हुई है। एशिया के अन्य बाजारों में दक्षिण कोरिया का कॉस्पी, चीन का शंघाई कम्पोजिट और हांगकांग के हैंगसेंग में तेज गिरावट आई।
जापान का मानक सूचकांक सोमवार को 12.4 प्रतिशत लुढ़क गया। दुनिया के अन्य बाजारों में भी कमोबेश यही स्थिति रही। इसका कारण निवेशकों में आशंका है कि अमेरिकी अर्थव्यवस्था मंदी की ओर बढ़ सकती है। शुक्रवार को जारी रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिका में कंपनियों में नियुक्तियां उम्मीद के मुकाबले पिछले महीने धीमी रही।