नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) को गौतम अडाणी की अगुवाई वाले समूह द्वारा शेयर मूल्यों में हेराफेरी करने के आरोपों की जांच पूरी करने के लिए बुधवार को 14 अगस्त तक का समय दिया।
भारत के प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने सेबी (SEBI) को गौतम अडाणी की अगुवाई वाले समूह पर लगे शेयर मूल्यों में हेराफेरी के आरोपों की जांच पर अद्यतन स्थिति रिपोर्ट दाखिल करने का आदेश दिया।
सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) की इस पीठ में न्यायमूर्ति पी एस नरसिम्हा और न्यायमूर्ति पारदीवाला भी हैं। पीठ ने अडाणी मामले में न्यायमूर्ति ए एम सप्रे समिति की रिपोर्ट सभी पक्षकारों के साथ साझा करने का आदेश दिया, ताकि वे इस मामले में अदालत की मदद कर सकें। यह रिपोर्ट न्यायालय को हाल ही में सौंपी गई है।
उच्चतम न्यायालय ने दो मार्च को, गौतम अडाणी (Gautam Adani) की अगुवाई वाले समूह द्वारा शेयर मूल्यों में हेराफेरी करने के आरोपों की जांच करने के लिए छह सदस्यीय समिति बनाने का आदेश दिया था। कारोबारी समूह पर यह आरोप अमेरिकी शॉर्ट-सेलर कंपनी हिंडनबर्ग ने अपनी रिपोर्ट में लगाए थे।
याचिकाकर्ता अनामिका जायसवाल की ओर से वकील प्रशांत भूषण ने कहा कि सेबी को अदालत को यह बताना चाहिए कि उसने 2016 से मॉरीशस में पंजीकृत मुखौटा कंपनियों की शिकायत पर अब तक क्या जांच की है।
पीठ ने भूषण से कहा कि इस समय उसका खुलासा करने के लिए कहने से जांच प्रभावित होगी और यह कोई आपराधिक जांच नहीं है, जिसमें वह केस डायरी देख रही है। साथ ही पीठ ने कहा था कि अदालत सेबी को अनिश्चितकालीन समय नहीं देगी और जांच पूरी करने के लिए वह तीन महीने का समय देगी।
पीठ ने कहा कि अदालत की रजिस्ट्री को इस मुद्दे पर शीर्ष अदालत द्वारा नियुक्त न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) ए एम सप्रे समिति की रिपोर्ट मिल गई है, लेकिन काम के दबाव के कारण वह इसका अध्ययन नहीं कर सकी। पीठ ने कहा कि समिति के तथ्यों पर गौर करने के बाद वह इस मामले पर सोमवार को सुनवाई करना चाहेगी। पीठ ने कहा, इस बीच हमें रिपोर्ट पर गौर करना होगा। हम इस मामले की 15 मई को सुनवाई करेंगे। (भाषा)