नई दिल्ली। चालू वित्त वर्ष यानी 2023-24 की दूसरी तिमाही यानी जुलाई से सितंबर में भारत के सकल घरेलू उत्पाद, जीडीपी की विकास दर 7.60 फीसदी रही है। वित्त वर्ष की पहली तिमाही यानी अप्रैल-जून में विकास दर 7.8 फीसदी थी। अगर साल दर साल के हिसाब से देखें तो पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में विकास दर 6.3 फीसदी रही थी। अभी तक सबसे ज्यादा जीडीपी विकास दर पिछले वित्त वर्ष की पहली तिमाही यानी अप्रैल-जून 2022 में रही थी। जब सकर घरेलू उत्पाद 13.1 फीसदी की दर से बढ़ा था।
बहरहाल, सरकार की ओर से जारी ताजा आंकड़ों के मुताबिक इस साल अक्टूबर तक वित्तीय घाटा बढ़ कर 8.04 लाख करोड़ रुपए हुआ। वित्तीय घाटे का लक्ष्य 17.86 लाख करोड़ रुपए है। इसका मतलब है कि अक्टूबर तक वित्तीय घाटा लक्ष्य के 45 फीसदी तक पहुंचा है। बहरहाल, स्टैंडर्ड एंड पुअर ग्लोबल रेटिंग्स ने वित्त वर्ष 2023-24 के लिए भारत के सकल घरेलू उत्पाद की विकास दर के अनुमान को छह से बढ़ा कर 6.4 फीसद कर दिया है।