राज्य-शहर ई पेपर व्यूज़- विचार

ई-कॉमर्स नीति पर विचार-विमर्श जारी

e-commerce policy:- ई-कॉमर्स नीति पर अंतर-मंत्रालयी विचार-विमर्श की प्रक्रिया जारी है। उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवर्द्धन विभाग (डीपीआईआई) के सचिव राजेश कुमार सिंह ने यह जानकारी दी है। उन्होंने कहा कि यह नीति क्षेत्र के समावेशी और सामंजस्यपूर्ण विकास के लिए अनुकूल वातावरण प्रदान करने में मदद करेगी।

राजेश कुमार सिंह ने कहा कि मोटे तौर पर यह नीति उपभोक्ता संरक्षण नियमों के साथ काम करेगी, उसके साथ ‘टकराएगी’ नहीं। उन्होंने कहा कि इस नीति का उद्देश्य कारोबार सुगमता, आधुनिक प्रौद्योगिकी की स्वीकार्यता, आपूर्ति श्रृंखलाओं के एकीकरण और इस माध्यम से निर्यात बढ़ाने के लिए सुव्यवस्थित नियामकीय ढांचे के जरिये ई-कॉमर्स क्षेत्र के समावेशी और सामंजस्यपूर्ण विकास के लिए अनुकूल वातावरण प्रदान करने की रणनीति तैयार करना है।

सिंह ने कहा, ‘हम अंतर-मंत्रालयी विचार-विमर्श (नीति बनाने के लिए) की प्रक्रिया में हैं।’ उन्होंने कहा कि उपभोक्ता संरक्षण नियम और यह नीति अलग-अलग होंगे, लेकिन आपस में ‘टकराएंगे’ नहीं। यह नीति ई-कॉमर्स नियमों की तुलना में एक व्यापक ढांचे के रूप में कार्य करेगी।

ई-कॉमर्स क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) पर नीति में स्पष्टीकरण के लिए घरेलू खुदरा विक्रेताओं की मांग के बारे में पूछे जाने पर सचिव ने कहा कि नीति मानदंडों को अधिक प्रभावी ढंग से लागू करने के कुछ मुद्दों को हल करने का प्रयास करेगी।

क्षेत्र के लिए एक नियामक के बारे में किसी भी विचार पर उन्होंने कहा कि इसपर अभी कोई बात नहीं हो रही है। व्यापारियों के संगठन कनफेडरेशन ऑफ ऑल इंडियन ट्रेडर्स (कैट) ने एक मजबूत ई-कॉमर्स नीति लाने और एक अधिकार प्राप्त नियामकीय निकाय के गठन की मांग उठाई है।

कैट का आरोप है कि विदेशी ऑनलाइन खुदरा विक्रेता ई-कॉमर्स में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश मानदंडों का उल्लंघन कर रहे हैं और सरकार को उनके खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए। (भाषा)

Tags :

By NI Desk

Under the visionary leadership of Harishankar Vyas, Shruti Vyas, and Ajit Dwivedi, the Nayaindia desk brings together a dynamic team dedicated to reporting on social and political issues worldwide.

Leave a comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

और पढ़ें