नई दिल्ली। प्रधानमंत्री के सलाहकार तरुण कपूर ने मंगलवार को कहा कि सरकार देश के अधिकांश शहरों में सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था शुरू करने से संबंधित नीति लेकर आएगी और इस क्षेत्र में इलेक्ट्रिक वाहन उद्योग अपने लिए व्यापक समर्थन की उम्मीद कर सकता है।
कपूर ने यहां इलेक्ट्रिक परिवहन पर आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि देश के ज्यादातर शहरों में सार्वजनिक परिवहन का अभाव होने से सरकार अब इसे बढ़ावा देने के लिए एक नीति लेकर आने वाली है। इस नीति में सरकार डीजल से चलने वाले वाहनों को हतोत्साहित करने और इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने की कोशिश करेगी। उन्होंने कहा, देश के अधिकांश शहरों में सार्वजनिक परिवहन को बढ़ावा देने की नीति आने से इलेक्ट्रिक उद्योग अपने लिए सरकार से व्यापक समर्थन की उम्मीद कर सकता है।
भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के सेवानिवृत्त अधिकारी कपूर ने कहा, बदलाव की इस प्रक्रिया में न केवल डीजल बसें हटेंगी, बल्कि हम सार्वजनिक परिवहन में अधिक इलेक्ट्रिक वाहनों को भी देखेंगे।
हालांकि, उन्होंने इस मौके का बड़े पैमाने पर लाभ उठाने के लिए ईवी उद्योग से नवोन्मेषण पर विशेष ध्यान देने का अनुरोध भी किया, ताकि इलेक्ट्रिक वाहनों की लागत घटाने के साथ बैटरियों का आकार भी कम किया जा सके।
भारत अपनी परिवहन जरूरतों के लिए बड़े पैमाने पर आयातित कच्चे तेल पर निर्भर है। भारत अपनी जरूरत का 85 प्रतिशत कच्चा तेल और 50 प्रतिशत प्राकृतिक गैस आयात करता है जिसपर विदेशी मुद्रा का एक बड़ा हिस्सा खर्च हो जाता है। कपूर ने डीजल के साथ पेट्रोल की भी खपत में कमी के लिए दोपहिया खंड में भी इलेक्ट्रिक वाहनों का इस्तेमाल बढ़ाने पर जोर दिया। उन्होंने कहा, हम इस बात को लेकर पूरी तरह स्पष्ट हैं कि अगले पांच-सात साल में दोपहिया खंड में सौ प्रतिशत बदलाव हो जाएगा। (भाषा)