नई दिल्ली। बिजली की अधिकतम मांग (एक दिन में पूरी की गई अधिकतम आपूर्ति) नौ जून को 223.23 गीगावॉट के सर्वकालिक उच्चस्तर पर पहुंच गई। सरकारी आंकड़ों से यह जानकारी मिली है। इन आंकड़ों से पता चलता है कि बेमौसम बारिश का बिजली की खपत पर असर अब कम हो रहा है।
बिजली मंत्रालय का अनुमान था कि सिर्फ अप्रैल में बिजली की मांग आसानी से 229 गीगावॉट के स्तर को छू लेगी। विशेषज्ञों का कहना है कि बेमौसम बारिश ने मांग को प्रभावित किया और गर्मियों के दौरान तापमान घटने से ठंडक प्रदान करने वाले एयर कंडीशनर (एसी) जैसे उपकरणों का इस्तेमाल कम हुआ।
बिजली मंत्रालय ने पहले से कदम उठाते हुए सभी आयातित कोयला आधारित बिजली संयंत्रों को 16 मार्च, 2023 से 15 जून, 2023 तक पूरी क्षमता से परिचालन करने को कहा था, जिससे बिजली की मांग में आए उछाल को पूरा किया जा सके। इसके अलावा मंत्रालय ने घरेलू कोयला आधारित ताप बिजलीघरों से शुष्क ईंधन की किसी भी कमी से बचने के लिए मिश्रण को कोयला आयात करने को कहा था।
सरकारी आंकड़ों के अनुसार, इस साल अप्रैल में बिजली की अधिकतम मांग 215.97 गीगावॉट और मई में 221.34 गीगावॉट थी। अप्रैल में बिजली की कमी सिर्फ 170 मेगावॉट और मई में 23 मेगावॉट थी। विशेषज्ञों ने कहा कि यह कमी मामूली है, जिसकी वजह तकनीकी हो सकती है।
मार्च में बिजली की खपत घटी थी जबकि अप्रैल में यह स्थिर रही थी। मई में इसमें फिर गिरावट आई, जिसकी वजह बेमौसम बारिश थी। विशेषज्ञों का कहना है कि बारिश की वजह से जून में बिजली खपत की वृद्धि सुस्त रह सकती है। (भाषा)