Agriculture Ministry :- सरकार की चावल खरीद चालू विपणन सत्र 2022-23 में अबतक बढ़कर 5.58 करोड़ टन पर पहुंच गई है। इसके अलावा सरकार ने 1.22 करोड़ किसानों को 1.7 लाख करोड़ रुपये के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) का भुगतान किया है। खाद्य मंत्रालय ने बुधवार को यह जानकारी दी।
वहीं रबी विपणन वर्ष 2023-24 (अप्रैल-मार्च) में अबतक गेहूं की खरीद 2.62 करोड़ टन रही है, जो पिछले साल की कुल खरीद 1.88 करोड़ टन से कहीं अधिक है। मंत्रालय ने बयान में कहा, गेहूं और चावल की मौजूदा खरीद से सरकारी भंडार में पर्याप्त खाद्यान्न है। इसमें कहा गया है कि गेहूं और चावल का संयुक्त स्टॉक 5.7 करोड़ टन पर पहुंच गया है, जो देश की खाद्यान्न जरूरतों के लिहाज से संतोषजनक है।
भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) राज्य एजेंसियों के साथ मूल्य समर्थन योजना के तहत धान और गेहूं की खरीद करता है। धान की खरीद की जाती है और उसे मिलों में चावल में बदला जाता है। मंत्रालय के अनुसार, मौजूदा खरीफ विपणन सत्र (अक्टूबर-सितंबर) में 19 जून तक कुल 8.3 करोड़ टन धान (चावल के मामले में 5.58 करोड़ टन) की खरीद की गई थी। मिलों में इसे चावल में बदलने के बाद अबतक केंद्रीय पूल में लगभग 4.01 करोड़ टन चावल प्राप्त हो चुका है। वहीं डेढ़ करोड़ टन चावल अभी मिलना बाकी है। खरीद कार्यक्रम से 1.22 करोड़ किसान लाभान्वित हुए हैं। उन्हें न्यूनतम समर्थन मूल्य के रूप में लगभग 1,71,000 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया है।
केंद्र ने 2022-23 के विपणन सत्र में 6.26 करोड़ टन चावल खरीदने का लक्ष्य रखा है। एफसीआई ने 2021-22 के विपणन सत्र में 5.75 करोड़ टन से अधिक चावल खरीदा था। कृषि मंत्रालय के तीसरे अनुमान के अनुसार, चावल उत्पादन 2022-23 फसल वर्ष के लिए रिकॉर्ड 13.55 करोड़ टन रहने का अनुमान है, जबकि पिछले साल यह 12.94 करोड़ टन था। गेहूं के मामले में 21.29 लाख किसानों को लगभग 55,680 करोड़ रुपये के न्यूनतम समर्थन मूल्य का भुगतान किया गया है। (भाषा)