यूरोपियन स्पेस एजेंसी (ESA) ने मंगल ग्रह की सतह से एक नया फोटो जारी किया हैं। पहली नजर में देखने पर ऐसा लगता हैं, कि काली मकड़ियों ने लाल ग्रह पर बस्तियां बना ली हों।
दुनियाभर के वैज्ञानिक मंगल ग्रह पर जीवन की संभावनाएं तलाश कर रहे हैं। यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी (ESA) भी उनमें से एक हैं। ESA ने लाल ग्रह की सतह का एक ऐसा फोटो लिया हैं जिसे देखने वाले भी दंग रह गए हैं। पहली बार इस तस्वीर को देखने पर ऐसा लगता हैं, की मानों हजारों काली मकड़ियां जमीन पर मौजूद हों। यह तस्वीर मंगल ग्रह के दक्षिणी ध्रुव के इलाके में ली गई हैं। यह फोटो ESA के Mars Express ने लिया हैं। चौंकने की जरुरत नहीं क्योंकि ये असली मकड़ियां नहीं हैं, बल्कि मंगल ग्रह की तमाम खासियतों में से एक हैं। मंगल ग्रह की सतह पर ऐसी छोटी और काले रंग की आकृतियां तब बनती हैं, जब सर्दियों में जमा हुई कार्बन डाइऑक्साइड (CO2) पर वसंत की धूप पड़ती हैं। गर्मी बढ़ने पर नीचे जमी हुई CO2 बर्फ गैस में बदलने लगती हैं। धीरे-धीरे यह गैस ऊपर मौजूद बर्फ को तोड़ते हुए बाहर निकल जाती हैं और अपने साथ काला मटेरियल भी लेकर आती हैं, जो इस फोटो जैसा दिखाई देता हैं।
ESA की ऑफिशियल वेबसाइट ने फोटो के बारे में बताया हैं की काली धूल से भरी गैस बर्फ की दरारों से ऊंचे फव्वारों या गीजर के रूप में बाहर निकलती हैं और फिर नीचे आकर सतह पर जम जाती हैं। जिससे 45 मीटर से लेकर 1 किलोमीटर चौड़े काले धब्बे पड़ जाते हैं। इस प्रक्रिया से मकड़ियों के आकार वाले’ पैटर्न्स बनते हैं।
ESA ने मार्स एक्सप्रेस मिशन की जो फोटो शेयर की हैं, उसमें हर जगह ऐसी काली जगह दिखाई दे रही हैं। ज्यादातर बाईं तरफ वाले इलाके में मौजूद हैं। इसी इलाके के पास मंगल ग्रह का Inca City भी मौजूद हैं। Inca City नाम इसलिए दिया गया क्योंकि यहां पर टीलों का लीनियर और जियोमेट्रिक नेटवर्क मौजूद हैं और काफी कुछ इंका खंडहरों के जैसा लगता हैं। इनकी खोज 1972 में नासा के मेरिनर 9 प्रोब ने की लेकिन वैज्ञानिक अभी तक यह कंफर्म नहीं कर पाएं कि इंका सिटी कैसे बना। यह माना जाता हैं। कि रेत के टीले लंबे समय के बाद चट्टानों में बदल गए होंगे और इनके भीतर से मैग्मा या रेत दरारों से रिसती रहती हैं।
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