women reservation bill

  • संसद में तृणमूल की 40 फीसदी महिलाएं

    महिला आरक्षण को लेकर देश की लगभग सारी पार्टियां पाखंड कर रही हैं। सबसे बड़ा पाखंड भाजपा का है, जिसने नारी शक्ति वंदन नाम से महिला आरक्षण बिल पास कराया है लेकिन न तो पार्टी के संगठन में महिलाओं को कोई खास जिम्मेदारी देती है और न चुनाव में 10-15 फीसदी से ज्यादा टिकट महिलाओं को देती है। कांग्रेस भी दशकों से यह पाखंड कर रही है कि वह महिला आरक्षण के पक्ष में है। सोनिया गांधी के 20 साल तक अध्यक्ष रहने के बावजूद कांग्रेस न तो संसद में महिलाओं का प्रतिनिधित्व बढ़ा सकी और न राज्यों की विधानसभाओं...

  • महिला आरक्षण विधेयक पर फरवरी में सुनवाई

    नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार महिला आरक्षण विधेयक से जुड़ी याचिका पर सुनवाई की। लोकसभा चुनाव से पहले महिला आरक्षण विधेयक को तत्काल लागू करने की मांग इस याचिका में की गई है। यह याचिका कांग्रेस नेता जया ठाकुर ने दायर की है। मामला जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस दीपांकर दत्ता की बेंच में सूचीबद्ध था। हालांकि पिछली सुनवाई की तरह केंद्र सरकार की तरफ से कोई वकील मौजूद नहीं था, इसलिए सुनवाई एक बार फिर स्थगित कर दी गई। अगली सुनवाई तीन हफ्ते बाद होगी। अदालत ने वकील की मौजूदगी न होने पर नोटिस जारी कर जवाब भी...

  • महिला आरक्षण का मुद्दा ठंडे बस्ते में!

    केंद्र सरकार ने संसद का विशेष सत्र बुला कर महिला आरक्षण का बिल पास कराया था। नए संसद भवन में पहला विधायी काम यही हुआ था कि नारी शक्ति वंदन अधिनियम यानी महिला आरक्षण बिल पेश हुआ था। आनन-फानन में उसे दोनों सदनों से पास कराया गया और उसके बाद राष्ट्रपति की मंजूरी से यह कानून भी बन गया। विशेष सत्र खत्म होने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पहले दौर में जिन चुनावी राज्यों में गए वहां उन्होंने अपनी जनसभाओं में इस कानून का जिक्र किया। इसका श्रेय लिया कि दशकों से जो काम लंबित था और कोई पार्टी...

  • महिला आरक्षण बिल कानून बना

    नई दिल्ली। नारी शक्ति वंदन अधिनियम नाम से लाया गया महिला आरक्षण बिल अब कानून बन गया है। संसद के दोनों सदनों से पास होने के बाद अब राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने भी इस पर दस्तखत कर दिया है। राष्ट्रपति के दस्तखत के बाद केंद्र सरकार ने इसकी अधिसूचना भी जारी कर दी है। यह कानून बन जाने से लोकसभा और राज्य विधानसभाओं में 33 फीसदी सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित हो जाएंगी। हालांकि, कानून के मुताबिक महिला आरक्षण नई जनगणना और परिसीमन के बाद लागू किया जाएगा। बहरहाल, अब यह कानून मंजूरी के लिए विधानसभाओं में भेजा जाएगा। इसे...

  • आधी आबादी को तैंतीस फ़ीसदी ही आरक्षण क्यों?

    कुछ अपवादों के आधार पर ये फ़ैसला करना कि महिलाएँ अपने प्रशासनिक दायित्वों को निभाने में सक्षम नहीं हैं इसलिए फ़िलहाल उन्हें एक-तिहाई सीटों पर ही आरक्षण दिया जा रहा है यह ठीक नहीं है। ये सूचना कि भविष्य में उन्हें इनकी आबादी के अनुपात में आरक्षण दे दिया जाएगा सपने दिखाने जैसा है। अगर हमारी सोच नहीं बदली और मौजूदा ढर्रे पर ही महिलाओं के नाम पर ये ख़ानापूर्ति होती रही तो कभी कुछ नहीं बदलेगा।   तैंतीस फ़ीसदी ही क्यों, पचास फ़ीसदी आरक्षण महिलाओं के लिए होना चाहिए। इस पचास फ़ीसदी में से दलित और वंचित समाज की महिलाओं...

  • महिलाओं को टिकट देने में कांग्रेस, भाजपा दोनों फिसड्डी

    कुछ अपवादों के आधार पर ये फ़ैसला करना कि महिलाएँ अपने प्रशासनिक दायित्वों को निभाने में सक्षम नहीं हैं इसलिए फ़िलहाल उन्हें एक-तिहाई सीटों पर ही आरक्षण दिया जा रहा है यह ठीक नहीं है। ये सूचना कि भविष्य में उन्हें इनकी आबादी के अनुपात में आरक्षण दे दिया जाएगा सपने दिखाने जैसा है। अगर हमारी सोच नहीं बदली और मौजूदा ढर्रे पर ही महिलाओं के नाम पर ये ख़ानापूर्ति होती रही तो कभी कुछ नहीं बदलेगा।   तैंतीस फ़ीसदी ही क्यों, पचास फ़ीसदी आरक्षण महिलाओं के लिए होना चाहिए। इस पचास फ़ीसदी में से दलित और वंचित समाज की महिलाओं...

  • मोदी ने कहा, गारंटी पूरी की

    कुछ अपवादों के आधार पर ये फ़ैसला करना कि महिलाएँ अपने प्रशासनिक दायित्वों को निभाने में सक्षम नहीं हैं इसलिए फ़िलहाल उन्हें एक-तिहाई सीटों पर ही आरक्षण दिया जा रहा है यह ठीक नहीं है। ये सूचना कि भविष्य में उन्हें इनकी आबादी के अनुपात में आरक्षण दे दिया जाएगा सपने दिखाने जैसा है। अगर हमारी सोच नहीं बदली और मौजूदा ढर्रे पर ही महिलाओं के नाम पर ये ख़ानापूर्ति होती रही तो कभी कुछ नहीं बदलेगा।   तैंतीस फ़ीसदी ही क्यों, पचास फ़ीसदी आरक्षण महिलाओं के लिए होना चाहिए। इस पचास फ़ीसदी में से दलित और वंचित समाज की महिलाओं...

  • महिला आरक्षण बिल राज्यसभा में सर्वसम्मति से पारित

    कुछ अपवादों के आधार पर ये फ़ैसला करना कि महिलाएँ अपने प्रशासनिक दायित्वों को निभाने में सक्षम नहीं हैं इसलिए फ़िलहाल उन्हें एक-तिहाई सीटों पर ही आरक्षण दिया जा रहा है यह ठीक नहीं है। ये सूचना कि भविष्य में उन्हें इनकी आबादी के अनुपात में आरक्षण दे दिया जाएगा सपने दिखाने जैसा है। अगर हमारी सोच नहीं बदली और मौजूदा ढर्रे पर ही महिलाओं के नाम पर ये ख़ानापूर्ति होती रही तो कभी कुछ नहीं बदलेगा।   तैंतीस फ़ीसदी ही क्यों, पचास फ़ीसदी आरक्षण महिलाओं के लिए होना चाहिए। इस पचास फ़ीसदी में से दलित और वंचित समाज की महिलाओं...

  • क्या इस आरक्षण से जीत आरक्षित होगी…?

    कुछ अपवादों के आधार पर ये फ़ैसला करना कि महिलाएँ अपने प्रशासनिक दायित्वों को निभाने में सक्षम नहीं हैं इसलिए फ़िलहाल उन्हें एक-तिहाई सीटों पर ही आरक्षण दिया जा रहा है यह ठीक नहीं है। ये सूचना कि भविष्य में उन्हें इनकी आबादी के अनुपात में आरक्षण दे दिया जाएगा सपने दिखाने जैसा है। अगर हमारी सोच नहीं बदली और मौजूदा ढर्रे पर ही महिलाओं के नाम पर ये ख़ानापूर्ति होती रही तो कभी कुछ नहीं बदलेगा।   तैंतीस फ़ीसदी ही क्यों, पचास फ़ीसदी आरक्षण महिलाओं के लिए होना चाहिए। इस पचास फ़ीसदी में से दलित और वंचित समाज की महिलाओं...

  • आरक्षण के फॉर्मूले से फायदा या नुकसान?

    कुछ अपवादों के आधार पर ये फ़ैसला करना कि महिलाएँ अपने प्रशासनिक दायित्वों को निभाने में सक्षम नहीं हैं इसलिए फ़िलहाल उन्हें एक-तिहाई सीटों पर ही आरक्षण दिया जा रहा है यह ठीक नहीं है। ये सूचना कि भविष्य में उन्हें इनकी आबादी के अनुपात में आरक्षण दे दिया जाएगा सपने दिखाने जैसा है। अगर हमारी सोच नहीं बदली और मौजूदा ढर्रे पर ही महिलाओं के नाम पर ये ख़ानापूर्ति होती रही तो कभी कुछ नहीं बदलेगा।   तैंतीस फ़ीसदी ही क्यों, पचास फ़ीसदी आरक्षण महिलाओं के लिए होना चाहिए। इस पचास फ़ीसदी में से दलित और वंचित समाज की महिलाओं...

  • महिला कानून तुरंत लागू हो:खडगे

    कुछ अपवादों के आधार पर ये फ़ैसला करना कि महिलाएँ अपने प्रशासनिक दायित्वों को निभाने में सक्षम नहीं हैं इसलिए फ़िलहाल उन्हें एक-तिहाई सीटों पर ही आरक्षण दिया जा रहा है यह ठीक नहीं है। ये सूचना कि भविष्य में उन्हें इनकी आबादी के अनुपात में आरक्षण दे दिया जाएगा सपने दिखाने जैसा है। अगर हमारी सोच नहीं बदली और मौजूदा ढर्रे पर ही महिलाओं के नाम पर ये ख़ानापूर्ति होती रही तो कभी कुछ नहीं बदलेगा।   तैंतीस फ़ीसदी ही क्यों, पचास फ़ीसदी आरक्षण महिलाओं के लिए होना चाहिए। इस पचास फ़ीसदी में से दलित और वंचित समाज की महिलाओं...

  • मोदी ने सभी सदस्यों को श्रेय दिया

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  • राज्यसभा में पेश हुआ महिला आरक्षण बिल

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  • महिला सांसदों की संख्या 181 ही क्यों होगी?

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  • क्या मोदी को मिलेगा श्रेय?

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  • 2024 में क्यों नहीं?

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  • महिला बिल लोकसभा से पास

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  • महिला आरक्षण और पार्टियों की हिप्पोक्रेसी

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  • ओबीसी के लिए आरक्षण मांगा

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  • महिला आरक्षण विधेयक पर कांग्रेस से सोनिया, स्‍मृति ईरानी-सीतारमण होंगी आमने-सामने

    कुछ अपवादों के आधार पर ये फ़ैसला करना कि महिलाएँ अपने प्रशासनिक दायित्वों को निभाने में सक्षम नहीं हैं इसलिए फ़िलहाल उन्हें एक-तिहाई सीटों पर ही आरक्षण दिया जा रहा है यह ठीक नहीं है। ये सूचना कि भविष्य में उन्हें इनकी आबादी के अनुपात में आरक्षण दे दिया जाएगा सपने दिखाने जैसा है। अगर हमारी सोच नहीं बदली और मौजूदा ढर्रे पर ही महिलाओं के नाम पर ये ख़ानापूर्ति होती रही तो कभी कुछ नहीं बदलेगा।   तैंतीस फ़ीसदी ही क्यों, पचास फ़ीसदी आरक्षण महिलाओं के लिए होना चाहिए। इस पचास फ़ीसदी में से दलित और वंचित समाज की महिलाओं...

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