Vishwamitra Jayanti

  • गायत्री मंत्र के द्रष्टा महर्षि विश्वामित्र

    भारत के सर्वाधिक प्रतिष्ठित ऋषि महर्षि विश्वामित्र ने न सिर्फ अपने ज्ञान और तपस्या के बल पर भारतीय धर्म और संस्कृति को समृद्ध किया, बल्कि अपनी साधना व तपस्या के बल पर क्षत्रियत्व से ब्राह्मणत्व धारण कर सातवें मन्वन्तर के सप्तऋषियों में शामिल होने में सफलता प्राप्त कर ली और अपनी कर्म से शुद्धि (आर्य बनाने) आंदोलन के प्रथम पुरुष के रूप में कृणवंतों विश्वमार्यम के उद्घोषक भी बने। राजर्षि से ब्रह्मर्षि बने विश्वामित्र ने अपने कर्म से यह सिद्ध कर दिखाया कि संध्योपासना व तपस्या के बल पर सब कुछ संभव किया जा सकता है तथा प्राणी को काम...