ट्रंप जैसों का मुकाबला कैसे संभव?
अमेरिका के चुनाव में डॉनल्ड ट्रंप की लैंडस्लाइड जीत से भारत सहित दुनिया भर के लिबरल समुदाय सदमे में हैं। राजनीति को देखने का उनका जो नजरिया है, उसे ध्यान में रखें, तो इसे स्वाभाविक प्रतिक्रिया कहा जाएगा। इस समुदाय की एक विशेषता यह भी है कि वह कभी अपना आत्म-निरीक्षण नहीं करता। इसलिए आज तक इसे समझने की कोई गंभीर कोशिश नहीं हुई कि “धुर-दक्षिणपंथी”, “फासीवादी” या “नफरती” राजनीति लगभग हर चुनावी लोकतंत्र में आज क्यों कामयाब हो रही है? वैसे, अमेरिका के चुनाव नतीजों को बारीकी से समझने की कोशिश की जाए, तो प्रश्न का उत्तर एक हद...