सरकार पर दबाव तो बढ़ेगा!
भाजपा को ले कर मीडिया और सोशल मीडिया में जो सन्नाटा था वह टूटता दिख रहा है। इसलिए क्योंकि सरकार के गठन और मंत्रालयों के बंटवारे में ऐसा दिख रहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दबाव में नहीं आए हैं। उन्होंने सरकार का समर्थन करने वाली बड़ी पार्टियों को भी उनकी संख्या के हिसाब से मंत्री पद नहीं दिए। कई सहयोगी पार्टियों को तो सरकार में भी शामिल नहीं किया। साथ ही मंत्रालयों का बंटवारा भी अपने हिसाब से किया। सारे अहम मंत्रालय भाजपा के नेताओं के पास रहे, जबकि सहयोगी पार्टियों के नेताओं को कम महत्व और कम बजट...