सोनिया गांधी तो समझें!
पता नहीं इन दिनों सोनिया गांधी की सेहत और उनकी समर्थता कितनी है। लगता है कि वे राहुल गांधी और प्रियंका गांधी को अपनी समझ और राय भी नहीं देती है। मेरे लिए पहेली है कि सोनिया गांधी ने अपनी कमान और अहमद पटेल की मैनेजरी के अनुभवों में नरेंद्र मोदी को भावना तथा जमीनी राजनीति से उभरते देखा है। बावजूद इसके वे कैसे मान रही हैं कि राहुल गांधी अकेले या कांग्रेस के क्षत्रप अपने बूते मोदी-शाह को हरा देंगे? यह भी वे फील कर सकती हैं, फीडबैक और समझ से जानती होंगी कि वेणुगोपाल, जयराम रमेश की राहुल...