सनातन संस्कृति के संरक्षक है वृक्ष
पीपल, वट (बड़ या बरगद), अशोक, आम, तुलसी, कदम्ब, बेल (बिल्व), पलाश, आक, केला, आंवला, हरसिंगर, कमल, कैथ, इमली, अनार, गुगल, नीम, बहेड़ा, हरैया, करंज, जामुन आदि अनेक वृक्षों को महत्वपूर्ण देवता मानकर उनकी पूजन परंपरा चल पड़ी। उनको पूजन सामग्री के रूप में भी प्रयुक्त किया गया। उनके औषधीय गुणों को परखकर अनेक पौधों को औषधीय पादपों के रूप में रोगों के उपचार के कार्य में लिया जाने लगा। आदि सृष्टि काल से पौधे, वृक्ष व वन मनुष्य के जीवन के लिए अत्यंत उपयोगी रहे हैं। पौधे और वन का का उपयोग मनुष्य अपने आदि रचना काल से ही...