हिंदुत्व की म्यान और सजते धनुष-बाण
पिछले दस साल में, और ख़ासकर पिछले पांच बरस में, मैं ने संघ-प्रमुख मोहन भागवत जी का जो आचार-विचार-व्यवहार देखा है, उस से यह अहसास होता है कि वे आरएसएस को उग्र और आक्रामक हिंदुत्व के नकारात्मक जंजाल से बाहर ला कर प्रगाढ़, पुष्ट और निर्भय हिंदूपन के सकारात्मक रास्ते पर ले जाना चाहते हैं।... मुझे लगता है कि वे संघ-प्रमुखों की श्रंखला में अंतिम ‘ओल्ड स्कूल’ अनुयायी हैं। उन के बाद शिक्षार्थियों की नई पीढ़ी से जन्मने वाला प्रमुख कैसा होगा, मालूम नहीं। आरएसएस आतंकवादी संगठन है या नहीं, यह हुसैन दलवई जानते होंगे। मैं तो इतना जानता हूं...