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  • हिंदुत्व की म्यान और सजते धनुष-बाण

    पिछले दस साल में, और ख़ासकर पिछले पांच बरस में, मैं ने संघ-प्रमुख मोहन भागवत जी का जो आचार-विचार-व्यवहार देखा है, उस से यह अहसास होता है कि वे आरएसएस को उग्र और आक्रामक हिंदुत्व के नकारात्मक जंजाल से बाहर ला कर प्रगाढ़, पुष्ट और निर्भय हिंदूपन के सकारात्मक रास्ते पर ले जाना चाहते हैं।... मुझे लगता है कि वे संघ-प्रमुखों की श्रंखला में अंतिम ‘ओल्ड स्कूल’ अनुयायी हैं। उन के बाद शिक्षार्थियों की नई पीढ़ी से जन्मने वाला प्रमुख कैसा होगा, मालूम नहीं। आरएसएस आतंकवादी संगठन है या नहीं, यह हुसैन दलवई जानते होंगे। मैं तो इतना जानता हूं...

  • ‘बंटेंगे तो कटेंगे’ बयान को संघ का समर्थन

    मथुरा। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के विवादित बयान ‘बटेंगे तो कटेंगे’ को राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ का समर्थन मिला है। आरएसएस ने हिंदू समाज की एकता की तरफदारी की है और कहा है कि अगर एकता नहीं रही तो बड़ा नुकसान होगा। मथुरा में संघ की बैठक को लेकर एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में आरएसएस के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबोले ने शनिवार को कहा- हिंदू समाज एकता में नहीं रहेगें तो आजकल की भाषा में 'बंटेंगे तो कटेंगे' हो सकता है। गौरतलब है कि संघ की एक अहम बैठक मथुरा में चल रही है। दत्तात्रेय होसबोले ने कहा- समाज में अगड़ा,...

  • डॉ. मोहनराव भागवत: उपेक्षा जनित सक्रियता…?

    भोपाल। वह भी एक जमाना था, जब भारतीय जनता पार्टी के सत्तारूढ़ वरिष्ठ नेता अटल बिहारी वाजपेयी और लाल कृष्ण आडवानी अपनी सरकार का कोई भी अहम फैसला बिना राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ की राय व पूर्व अनुमति के बिना नही लेते थे, पहले संघ को विश्वास में लेते थे, उसके बाद फैसला, किंतु पिछले एक दशक से स्थिति ठीक इसके विपरीत है, सत्ता उसी भारतीय जनता पार्टी की है किंतु आज वही राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ अपनी उपेक्षा से काफी पीडि़त व उद्वेलित है और इसी सत्ता की उपेक्षा ने संघ को अपने संगठन की साख बचाने हेतु नई...

  • भाजपा, आरएसएस पर राहुल का हमला

    सोनीपत। कांग्रेस नेता राहुल गांधी हरियाणा विजय संकल्प यात्रा के दूसरे दिन सोनीपत के कई इलाकों से गुजरे और लोगों को संबोधित किया। उन्होंने अपनी सभा में भाजपा और आरएसएस दोनों पर हमला किया और साथ ही अंबानी, अडानी को भी निशाना बनाया। राहुल ने दावा किया कि भाजपा और आरएसएस के लोग उनसे डरते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि वे संसद में बोलना शुरू करते हैं तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सदन से निकल जाते हैं। राहुल हरियाणा की अपनी इस यात्रा में अंबानी, अडानी से पैसा लेकर जनता को बांटने का वादा भी कर रहे हैं। मंगलवार को...

  • अपनी उपेक्षा के प्रति चिंतित संघ…?

    भोपाल। एक तरफ शताब्दी वर्ष के दौर की खुशी तो दूसरी ओर उपेक्षा का गम, आज इसी दौर से गुजर रहा है राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ आज उसकी सबसे बड़ी चिंता यही है, उसकी सोच है कि आजादी के बाद से अब तक सर्वाधिक काल तक कांग्रेस सत्ता में रही, किंतु उस दौर में भी उसकी (संघ की) केंद्रीय सत्ता द्वारा इतनी उपेक्षा नही हुई, जितनी की आज भाजपा के शासनकाल में हो रही है। पिछले साल लगभग इन्हीं दिनों महाराष्ट्र के पूणे में संघ की अखिल भारतीय समन्वय बैठक हुई थी, जिसमें भाजपा की चुनावी रणनीति पर विस्तृत चर्चा...

  • मोदी-शाह को नहीं चाहिए संघ!

    भोपाल। एक तरफ शताब्दी वर्ष के दौर की खुशी तो दूसरी ओर उपेक्षा का गम, आज इसी दौर से गुजर रहा है राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ आज उसकी सबसे बड़ी चिंता यही है, उसकी सोच है कि आजादी के बाद से अब तक सर्वाधिक काल तक कांग्रेस सत्ता में रही, किंतु उस दौर में भी उसकी (संघ की) केंद्रीय सत्ता द्वारा इतनी उपेक्षा नही हुई, जितनी की आज भाजपा के शासनकाल में हो रही है। पिछले साल लगभग इन्हीं दिनों महाराष्ट्र के पूणे में संघ की अखिल भारतीय समन्वय बैठक हुई थी, जिसमें भाजपा की चुनावी रणनीति पर विस्तृत चर्चा...

  • जाति गणना होगी और नई राजनीति भी!

    भोपाल। एक तरफ शताब्दी वर्ष के दौर की खुशी तो दूसरी ओर उपेक्षा का गम, आज इसी दौर से गुजर रहा है राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ आज उसकी सबसे बड़ी चिंता यही है, उसकी सोच है कि आजादी के बाद से अब तक सर्वाधिक काल तक कांग्रेस सत्ता में रही, किंतु उस दौर में भी उसकी (संघ की) केंद्रीय सत्ता द्वारा इतनी उपेक्षा नही हुई, जितनी की आज भाजपा के शासनकाल में हो रही है। पिछले साल लगभग इन्हीं दिनों महाराष्ट्र के पूणे में संघ की अखिल भारतीय समन्वय बैठक हुई थी, जिसमें भाजपा की चुनावी रणनीति पर विस्तृत चर्चा...

  • क्या अब भाजपा को संघ की जरूरत नहीं रही…?

    भोपाल। एक तरफ शताब्दी वर्ष के दौर की खुशी तो दूसरी ओर उपेक्षा का गम, आज इसी दौर से गुजर रहा है राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ आज उसकी सबसे बड़ी चिंता यही है, उसकी सोच है कि आजादी के बाद से अब तक सर्वाधिक काल तक कांग्रेस सत्ता में रही, किंतु उस दौर में भी उसकी (संघ की) केंद्रीय सत्ता द्वारा इतनी उपेक्षा नही हुई, जितनी की आज भाजपा के शासनकाल में हो रही है। पिछले साल लगभग इन्हीं दिनों महाराष्ट्र के पूणे में संघ की अखिल भारतीय समन्वय बैठक हुई थी, जिसमें भाजपा की चुनावी रणनीति पर विस्तृत चर्चा...

  • रोजमर्रा की राजनीतिक में आरएसएस का एजेंडा

    भोपाल। एक तरफ शताब्दी वर्ष के दौर की खुशी तो दूसरी ओर उपेक्षा का गम, आज इसी दौर से गुजर रहा है राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ आज उसकी सबसे बड़ी चिंता यही है, उसकी सोच है कि आजादी के बाद से अब तक सर्वाधिक काल तक कांग्रेस सत्ता में रही, किंतु उस दौर में भी उसकी (संघ की) केंद्रीय सत्ता द्वारा इतनी उपेक्षा नही हुई, जितनी की आज भाजपा के शासनकाल में हो रही है। पिछले साल लगभग इन्हीं दिनों महाराष्ट्र के पूणे में संघ की अखिल भारतीय समन्वय बैठक हुई थी, जिसमें भाजपा की चुनावी रणनीति पर विस्तृत चर्चा...

  • संघ की सक्रियता बढ़ने के मायने….?

    भोपाल। एक तरफ शताब्दी वर्ष के दौर की खुशी तो दूसरी ओर उपेक्षा का गम, आज इसी दौर से गुजर रहा है राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ आज उसकी सबसे बड़ी चिंता यही है, उसकी सोच है कि आजादी के बाद से अब तक सर्वाधिक काल तक कांग्रेस सत्ता में रही, किंतु उस दौर में भी उसकी (संघ की) केंद्रीय सत्ता द्वारा इतनी उपेक्षा नही हुई, जितनी की आज भाजपा के शासनकाल में हो रही है। पिछले साल लगभग इन्हीं दिनों महाराष्ट्र के पूणे में संघ की अखिल भारतीय समन्वय बैठक हुई थी, जिसमें भाजपा की चुनावी रणनीति पर विस्तृत चर्चा...

  • नड्डा और भागवत की मुलाकात हुई

    भोपाल। एक तरफ शताब्दी वर्ष के दौर की खुशी तो दूसरी ओर उपेक्षा का गम, आज इसी दौर से गुजर रहा है राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ आज उसकी सबसे बड़ी चिंता यही है, उसकी सोच है कि आजादी के बाद से अब तक सर्वाधिक काल तक कांग्रेस सत्ता में रही, किंतु उस दौर में भी उसकी (संघ की) केंद्रीय सत्ता द्वारा इतनी उपेक्षा नही हुई, जितनी की आज भाजपा के शासनकाल में हो रही है। पिछले साल लगभग इन्हीं दिनों महाराष्ट्र के पूणे में संघ की अखिल भारतीय समन्वय बैठक हुई थी, जिसमें भाजपा की चुनावी रणनीति पर विस्तृत चर्चा...

  • जाति गणना के पक्ष में आरएसएस

    भोपाल। एक तरफ शताब्दी वर्ष के दौर की खुशी तो दूसरी ओर उपेक्षा का गम, आज इसी दौर से गुजर रहा है राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ आज उसकी सबसे बड़ी चिंता यही है, उसकी सोच है कि आजादी के बाद से अब तक सर्वाधिक काल तक कांग्रेस सत्ता में रही, किंतु उस दौर में भी उसकी (संघ की) केंद्रीय सत्ता द्वारा इतनी उपेक्षा नही हुई, जितनी की आज भाजपा के शासनकाल में हो रही है। पिछले साल लगभग इन्हीं दिनों महाराष्ट्र के पूणे में संघ की अखिल भारतीय समन्वय बैठक हुई थी, जिसमें भाजपा की चुनावी रणनीति पर विस्तृत चर्चा...

  • केरल में संघ की तीन दिन की बैठक शुरू

    भोपाल। एक तरफ शताब्दी वर्ष के दौर की खुशी तो दूसरी ओर उपेक्षा का गम, आज इसी दौर से गुजर रहा है राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ आज उसकी सबसे बड़ी चिंता यही है, उसकी सोच है कि आजादी के बाद से अब तक सर्वाधिक काल तक कांग्रेस सत्ता में रही, किंतु उस दौर में भी उसकी (संघ की) केंद्रीय सत्ता द्वारा इतनी उपेक्षा नही हुई, जितनी की आज भाजपा के शासनकाल में हो रही है। पिछले साल लगभग इन्हीं दिनों महाराष्ट्र के पूणे में संघ की अखिल भारतीय समन्वय बैठक हुई थी, जिसमें भाजपा की चुनावी रणनीति पर विस्तृत चर्चा...

  • संघ-परिवार: हिन्दुओं से कपटाचार

    भोपाल। एक तरफ शताब्दी वर्ष के दौर की खुशी तो दूसरी ओर उपेक्षा का गम, आज इसी दौर से गुजर रहा है राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ आज उसकी सबसे बड़ी चिंता यही है, उसकी सोच है कि आजादी के बाद से अब तक सर्वाधिक काल तक कांग्रेस सत्ता में रही, किंतु उस दौर में भी उसकी (संघ की) केंद्रीय सत्ता द्वारा इतनी उपेक्षा नही हुई, जितनी की आज भाजपा के शासनकाल में हो रही है। पिछले साल लगभग इन्हीं दिनों महाराष्ट्र के पूणे में संघ की अखिल भारतीय समन्वय बैठक हुई थी, जिसमें भाजपा की चुनावी रणनीति पर विस्तृत चर्चा...

  • भाजपा में सब जस का तस!

    भोपाल। एक तरफ शताब्दी वर्ष के दौर की खुशी तो दूसरी ओर उपेक्षा का गम, आज इसी दौर से गुजर रहा है राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ आज उसकी सबसे बड़ी चिंता यही है, उसकी सोच है कि आजादी के बाद से अब तक सर्वाधिक काल तक कांग्रेस सत्ता में रही, किंतु उस दौर में भी उसकी (संघ की) केंद्रीय सत्ता द्वारा इतनी उपेक्षा नही हुई, जितनी की आज भाजपा के शासनकाल में हो रही है। पिछले साल लगभग इन्हीं दिनों महाराष्ट्र के पूणे में संघ की अखिल भारतीय समन्वय बैठक हुई थी, जिसमें भाजपा की चुनावी रणनीति पर विस्तृत चर्चा...

  • भाजपा और आरएसएस की बैठकें शुरू?

    भोपाल। एक तरफ शताब्दी वर्ष के दौर की खुशी तो दूसरी ओर उपेक्षा का गम, आज इसी दौर से गुजर रहा है राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ आज उसकी सबसे बड़ी चिंता यही है, उसकी सोच है कि आजादी के बाद से अब तक सर्वाधिक काल तक कांग्रेस सत्ता में रही, किंतु उस दौर में भी उसकी (संघ की) केंद्रीय सत्ता द्वारा इतनी उपेक्षा नही हुई, जितनी की आज भाजपा के शासनकाल में हो रही है। पिछले साल लगभग इन्हीं दिनों महाराष्ट्र के पूणे में संघ की अखिल भारतीय समन्वय बैठक हुई थी, जिसमें भाजपा की चुनावी रणनीति पर विस्तृत चर्चा...

  • भागवत में क्यों हिम्मत नहीं?

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  • भाजपा को संघ से जवाब

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  • भागवत का निशाना क्या मोदी पर!

    भोपाल। एक तरफ शताब्दी वर्ष के दौर की खुशी तो दूसरी ओर उपेक्षा का गम, आज इसी दौर से गुजर रहा है राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ आज उसकी सबसे बड़ी चिंता यही है, उसकी सोच है कि आजादी के बाद से अब तक सर्वाधिक काल तक कांग्रेस सत्ता में रही, किंतु उस दौर में भी उसकी (संघ की) केंद्रीय सत्ता द्वारा इतनी उपेक्षा नही हुई, जितनी की आज भाजपा के शासनकाल में हो रही है। पिछले साल लगभग इन्हीं दिनों महाराष्ट्र के पूणे में संघ की अखिल भारतीय समन्वय बैठक हुई थी, जिसमें भाजपा की चुनावी रणनीति पर विस्तृत चर्चा...

  • संघ का समर्थन मिलता रहेगा भाजपा को

    भोपाल। एक तरफ शताब्दी वर्ष के दौर की खुशी तो दूसरी ओर उपेक्षा का गम, आज इसी दौर से गुजर रहा है राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ आज उसकी सबसे बड़ी चिंता यही है, उसकी सोच है कि आजादी के बाद से अब तक सर्वाधिक काल तक कांग्रेस सत्ता में रही, किंतु उस दौर में भी उसकी (संघ की) केंद्रीय सत्ता द्वारा इतनी उपेक्षा नही हुई, जितनी की आज भाजपा के शासनकाल में हो रही है। पिछले साल लगभग इन्हीं दिनों महाराष्ट्र के पूणे में संघ की अखिल भारतीय समन्वय बैठक हुई थी, जिसमें भाजपा की चुनावी रणनीति पर विस्तृत चर्चा...

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