Rohith Vemula Case

  • आखिरकार मौत एक झूठ की

    रोहित की आत्महत्या से जुडे़ महत्वपूर्ण तथ्यों की अवहेलना कर झूठ का प्रचार-प्रसार किया गया। यह दिलचस्प है कि इस मामले में आठ वर्ष पश्चात तेलंगाना पुलिस ने स्थानीय अदालत में क्लोजर रिपोर्ट 21 मार्च को दाखिल की थी, जिसका रहस्योद्घाटन 3 मई को हुआ। यह कोई पहली बार नहीं है। रोहित से पहले भी और अब भी झूठ या अर्धसत्य से विकृत नैरेटिव बनाया जाता है। इस दुराचार में छद्म-सेकुलरवादियों, वामपंथियों, जिहादियों और इंजीलवादियों के कुनबे का कोई मुकाबला नहीं। सत्य परेशान हो सकता है, पराजित नहीं— यह पंक्तियां हैदराबाद विश्वविद्यालय के छात्र रोहित वेमुला आत्महत्या मामले और इससे...