बंटेंगे तो बचना मुश्किल है
इस ऐतिहासिक सचाई का भी ध्यान रखने की जरुरत है कि जब भी भारत का समाज और नागरिक बंटते हैं तो देश का नुकसान होता है और बाहरी लोग फायदा उठाते हैं। भारत की भौगोलिक सीमा का सिकुड़ते जाना इसका एक उदाहरण है। एक समय भारत की सीमा का विस्तार पश्चिम में फारस यानी आज के ईरान और दक्षिण पूर्व में मलय द्वीप यानी आज के मालदीव से लेकर जावा, सुमात्रा, कंबोडिया और इंडोनेशिया तक था। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी पांच अक्टूबर को महाराष्ट्र के ठाणे में एक कार्यक्रम में पहुंचे थे, जहां उन्होंने देश के नागरिकों से एकजुट रहने...