विपक्ष के नोटिस का कोई मतलब नहीं
ऐसा लग रहा है कि विपक्षी पार्टियों को बहुत जोर से तलब लगी थी कि उप राष्ट्रपति और राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश करें, इसलिए प्रस्ताव पेश कर दिया। पिछले सत्र में भी विपक्ष ने प्रयास किया था। दस्तखत वगैरह जुटा लिए गए थे लेकिन प्रस्ताव पेश नहीं किया गया। इस बार राज्यसभा के महासचिव पीसी मोदी के जरिए प्रस्ताव पेश कर दिया गया है। परंतु विपक्षी पार्टियों को भी पता है कि इसका कोई मतलब नहीं है क्योंकि सभापति के खिलाफ नोटिस देने के बाद उस पर कोई भी चर्चा या कार्रवाई 14 दिन...