‘एक देश, दो चुनाव’ ज्यादा बेहतर विकल्प है
देश में हर साल चुनाव हो या हर छह महीने पर चुनाव हो यह सचमुच अच्छी बात नहीं है। लेकिन इसे रोकने के लिए ‘एक देश, एक चुनाव’ का आइडिया भी ठीक नहीं है। इसका मतलब है कि हर छह महीने पर चुनाव की मौजूदा प्रक्रिया चलती रहे यह भी ठीक नहीं है और सारे चुनाव एक साथ कराए जाएं, यह विचार भी अच्छा नहीं है। इसलिए बीच का रास्ता निकालना सबसे अच्छी बात होगी। बीच का रास्ता क्या हो सकता है, उस पर विचार से पहले यह स्पष्ट करना जरूरी है कि भारत जैसे विशाल और विविधता वाले देश...