no grand narrative

  • कोई ग्रैंड नैरेटिव नहीं

    चुनाव 2024 रूटीन की तरह लड़ा जाता दिख रहा है। वजह कई हैं। एक कारण तो यह है कि चुनाव आयोग की बंदिशों और सोशल मीडिया की हर व्यक्ति तक पहुंच ने चुनाव को नीरस बनाया है। अब पहले ही तरह चुनाव एक उत्सव नहीं है। यह सामूहिक काम नहीं बल्कि व्यक्तिगत काम हो गया है। पार्टियां सोशल मीडिया में प्रचार करती हैं और चूंकि हर व्यक्ति के पास मोबाइल फोन है और प्रतिक्रिया देने के लिए एक मंच है तो वह सारी लड़ाई वहीं लड़ता है। Lok sabha lections पार्टियों को शारीरिक रूप से जनता के बीच जाने की...