चुनाव में एनडीए और ‘इंडिया’ का फर्क
अडानी पर सिर्फ भाजपा से सवाल क्यों?NDA vs INDIA: विधानसभा चुनाव लड़ रही दोनों मुख्य पार्टियों या गठबंधनों के उठाए मुद्दों पर चर्चा थोड़ा जोखिम का काम है क्योंकि इन दिनों चुनाव आमतौर पर मुद्दों पर नहीं लड़े जा रहे हैं। मुद्दों से ज्यादा मुफ्त की रेवड़ियां चुनाव लड़ने का प्रभावी हथियार बन गई हैं। महान कवि सुदामा पांडेय धूमिल के शब्दों में कहें तो, ‘यह समाज और जनतंत्र छोटे छोटे लालच और लानत का शिकार हो गया है। तुम्हें पड़ोसी देश की कमतरी के किस्से संतोष देने लगे हैं। जबकि तुम चुनाव के इश्तहार से निकल कर सड़क पर...