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  • महायुति का विवाद कितना बढ़ेगा?

    यह बड़ा सवाल है कि महाराष्ट्र में भाजपा, शिव सेना और एनसीपी के सत्तारूढ़ गठबंधन यानी महायुति के अंदर शुरू हुआ विवाद कहां तक बढ़ेगा? क्या एनसीपी के नेता छगन भुजबल बागी होंगे? भुजबल ने नाराजगी का खुला इजहार कर दिया है। सरकार बनने पर वे मंत्री पद की इच्छा रखते थे औऱ उनको लग रहा था कि उन्हें कोई अहम मंत्रालय मिलेगा। मंत्रियों के शपथ से दो दिन पहले तक वे दिल्ली में अजित पवार के साथ थे। परंतु जब अजित पवार के कोटे के नौ मंत्रियों के नाम राज्यपाल के पास भेजे गए तो उसमें से छगन भुजबल...

  • एमवीए की तीनों पार्टियों की दूसरी सूची जारी

    मुंबई। सीट बंटवारे को लेकर गतिरोध कायम रहने के बीच महाराष्ट्र के विपक्षी गठबंधन महा विकास अघाड़ी यानी एमवीए के तीनों घटक दलों ने उम्मीदवारों की दूसरी सूची जारी की है। शरद पवार की एनसीपी ने 22 और कांग्रेस ने 23 उम्मीदवारों की सूची जारी की है। उद्धव ठाकरे की शिव सेना ने भी शनिवार की सुबह 15 उम्मीदवारों के नाम का ऐलान किया। इस तरह उद्धव की पार्टी ने 80 नामों का ऐलान कर दिया। पहली सूची में उसने 65 उम्मीदवारों की घोषणा की थी। शरद पवार एनसीपी ने शनिवार को दूसरी सूची जारी की। इसमें 22 उम्मीदवारों के...

  • महाराष्ट्र में तीसरे मोर्चे का गठन

    महाराष्ट्र में नवंबर में होने वाले विधानसभा चुनाव में सीधा मुकाबले दो गठबंधनों के बीच होगा। एक तरफ सरकार चला रही महायुति है तो दूसरी ओर विपक्षी गठबंधन महाविकास अघाड़ी है। महायुति में भाजपा, शिव सेना और एनसीपी के बीच सीट बंटवारे की बात चल रही है तो दूसरी ओर महाविकास अघाड़ी में कांग्रेस, उद्धव ठाकरे और शरद पवार भी सीट बंटवारे पर मंथन कर रहे हैं। दोनों तरफ सीएम उम्मीदवार तय करने को लेकर भी खींचतान चल रही है। इस बीच एक तीसरा गठबंधन तैयार हो रहा है। राज्य में तीन बड़े नेता, जो अलग अलग सामाजिक समूहों का...

  • विपक्ष का जूता मारो अभियान

    मुंबई। छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा गिरने के विरोध में उद्धव ठाकरे और शरद पवार सहित तमाम विपक्षी नेता रविवार को सड़क पर उतरे। एनसीपी के संस्थापक शरद पवार की तबियत ठीक नहीं थी इसके बावजूद वे भी महा विकास अघाड़ी के प्रदर्शन में शामिल हुए। महा विकास अघाड़ी ने अपने इस प्रदर्शन को जोड़े मारो यानी जूता मारो आंदोलन नाम दिया था। प्रदर्शन के दौरान सत्तारूढ़ एनडीए के नेताओं की तस्वीरों पर विपक्षी नेतओं ने जूते मारे। मुंबई के हुतात्मा चौक से गेटवे ऑफ इंडिया तक विपक्षी नेताओं ने पैदल मार्च निकाला। इसमें उद्धव ठाकरे के साथ शरद पवार...

  • महाराष्ट्र में कांग्रेस के पटोले विलेन!

    महाराष्ट्र की राजनीति में क्या उद्धव ठाकरे कमजोर कड़ी साबित होंगे? उन्होंने पूरा जोर लगाया है कि कांग्रेस और शरद पवार चुनाव से पहले मुख्यमंत्री पद का दावेदार पेश करें। उनको लग रहा है कि इन दोनों पार्टियों के पास कोई अखिल महाराष्ट्र की राजनीति करने वाला नेता नहीं है और न कोई ऐसा चेहरा है, जो करिश्माई हो। तभी उनको भरोसा है कि अगर चुनाव से पहले सीएम का दावेदार घोषित हुआ तो वे इकलौते नेता हैं, जो हर कसौटी पर खरा उतरते हैं। उनको यह भी पता है कि तमाम सद्भाव के बावजूद उनकी पार्टी सबसे बड़ी पार्टी...

  • महाराष्ट्र में विपक्ष का सीएम चेहरा बाद में?

    महाराष्ट्र की राजनीति में क्या उद्धव ठाकरे कमजोर कड़ी साबित होंगे? उन्होंने पूरा जोर लगाया है कि कांग्रेस और शरद पवार चुनाव से पहले मुख्यमंत्री पद का दावेदार पेश करें। उनको लग रहा है कि इन दोनों पार्टियों के पास कोई अखिल महाराष्ट्र की राजनीति करने वाला नेता नहीं है और न कोई ऐसा चेहरा है, जो करिश्माई हो। तभी उनको भरोसा है कि अगर चुनाव से पहले सीएम का दावेदार घोषित हुआ तो वे इकलौते नेता हैं, जो हर कसौटी पर खरा उतरते हैं। उनको यह भी पता है कि तमाम सद्भाव के बावजूद उनकी पार्टी सबसे बड़ी पार्टी...

  • महाराष्ट्र एमएलसी चुनाव में एनडीए को नौ सीटें

    महाराष्ट्र की राजनीति में क्या उद्धव ठाकरे कमजोर कड़ी साबित होंगे? उन्होंने पूरा जोर लगाया है कि कांग्रेस और शरद पवार चुनाव से पहले मुख्यमंत्री पद का दावेदार पेश करें। उनको लग रहा है कि इन दोनों पार्टियों के पास कोई अखिल महाराष्ट्र की राजनीति करने वाला नेता नहीं है और न कोई ऐसा चेहरा है, जो करिश्माई हो। तभी उनको भरोसा है कि अगर चुनाव से पहले सीएम का दावेदार घोषित हुआ तो वे इकलौते नेता हैं, जो हर कसौटी पर खरा उतरते हैं। उनको यह भी पता है कि तमाम सद्भाव के बावजूद उनकी पार्टी सबसे बड़ी पार्टी...

  • महाराष्ट्र के मंत्री एकनाथ शिंदे का खुलासा

    महाराष्ट्र की राजनीति में क्या उद्धव ठाकरे कमजोर कड़ी साबित होंगे? उन्होंने पूरा जोर लगाया है कि कांग्रेस और शरद पवार चुनाव से पहले मुख्यमंत्री पद का दावेदार पेश करें। उनको लग रहा है कि इन दोनों पार्टियों के पास कोई अखिल महाराष्ट्र की राजनीति करने वाला नेता नहीं है और न कोई ऐसा चेहरा है, जो करिश्माई हो। तभी उनको भरोसा है कि अगर चुनाव से पहले सीएम का दावेदार घोषित हुआ तो वे इकलौते नेता हैं, जो हर कसौटी पर खरा उतरते हैं। उनको यह भी पता है कि तमाम सद्भाव के बावजूद उनकी पार्टी सबसे बड़ी पार्टी...

  • केसीआर के राजनीति और एमवीए की समस्या

    महाराष्ट्र की राजनीति में क्या उद्धव ठाकरे कमजोर कड़ी साबित होंगे? उन्होंने पूरा जोर लगाया है कि कांग्रेस और शरद पवार चुनाव से पहले मुख्यमंत्री पद का दावेदार पेश करें। उनको लग रहा है कि इन दोनों पार्टियों के पास कोई अखिल महाराष्ट्र की राजनीति करने वाला नेता नहीं है और न कोई ऐसा चेहरा है, जो करिश्माई हो। तभी उनको भरोसा है कि अगर चुनाव से पहले सीएम का दावेदार घोषित हुआ तो वे इकलौते नेता हैं, जो हर कसौटी पर खरा उतरते हैं। उनको यह भी पता है कि तमाम सद्भाव के बावजूद उनकी पार्टी सबसे बड़ी पार्टी...

  • बीजेपी के गढ़ पुणे में कांग्रेस का तूफान

    महाराष्ट्र की राजनीति में क्या उद्धव ठाकरे कमजोर कड़ी साबित होंगे? उन्होंने पूरा जोर लगाया है कि कांग्रेस और शरद पवार चुनाव से पहले मुख्यमंत्री पद का दावेदार पेश करें। उनको लग रहा है कि इन दोनों पार्टियों के पास कोई अखिल महाराष्ट्र की राजनीति करने वाला नेता नहीं है और न कोई ऐसा चेहरा है, जो करिश्माई हो। तभी उनको भरोसा है कि अगर चुनाव से पहले सीएम का दावेदार घोषित हुआ तो वे इकलौते नेता हैं, जो हर कसौटी पर खरा उतरते हैं। उनको यह भी पता है कि तमाम सद्भाव के बावजूद उनकी पार्टी सबसे बड़ी पार्टी...

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