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  • हंगामा है क्यूं बरपा?

    जिस उत्तराधिकार टैक्स व्यवस्था का उल्लेख पित्रोदा ने किया, उसे पूंजीवाद को प्रतिस्पर्धात्मक एवं आविष्कार क्षमता से युक्त बनाने, और इस सिस्टम को न्यायोचित ठहराने के लिए लागू रखा गया है। इस पर हंगामा खड़ा होना भारत में बौद्धिक खालीपन का ही संकेत है। सैम पित्रोदा ने सिर्फ अमेरिका में मौजूद एक कानून की बात की। उस कानून में निहित सार्वजनिक हित की भावना का उन्होंने जिक्र किया। अमेरिका विश्व पूंजीवाद का मुख्यालय है। 20वीं सदी के आरंभ से लेकर आज तक कम्युनिस्ट और सोशलिस्ट व्यवस्थाओं के खिलाफ वैचारिक संघर्ष की कमान उसके हाथ में रही है। जिस उत्तराधिकार टैक्स...