Khunti

  • अर्जुन मुंडा, गीता कोडा सब अकेले अपने बूते!

    खूंटी (झारखण्ड)। खूंटी भाजपा का दुर्ग है, जहां सन् 1984 के बाद से (सिवाय 2004, के जब कांग्रेस पर किस्मतमेहरबान हुई थी) वहहर बार चुनाव जीती है। यों किस्मत 2019 में भी कांग्रेस का तब साथ दे रहा थी, जब मतगणना के शुरुआती दौर में कालीचरण मुंडा, भाजपा केअर्जुन मुंडा से 20,000 वोटों से आगे थे। लेकिन अंततः मोदी लहर से अर्जुन मुंडा जीते। उस जीत का अंतर 1,445 वोटो का था। रांची से श्रुति व्यास पांच साल बाद अर्जुन मुंडा वापिस पुराने प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस के कालीचरण मुंडा के खिलाफ कांटे की लड़ाई में उलझे हैं। इलाके में मोदीलहरसे अधिक...

  • झारखंड में खामोश क्रांति से नदियों को मिल रहा नया जीवन

    रांची। झारखंड (Jharkhand) की राजधानी रांची से बमुश्किल 30 किलोमीटर दूर खूंटी (Khunti) जिले में एक खामोश क्रांति चल रही है। यहां की छोटी-छोटी नदियों में तपती हुई गर्मी के बीच भी पानी है। सैकड़ों गांवों में जल स्रोतों में पर्याप्त पानी है। खेतों की सिंचाई, मवेशियों के चारा-पानी, नहाने-धोने के लिए पानी (water) की कमी नहीं है। खूंटी जिले के कर्रा, मुरहू से लेकर अड़की, खूंटी और तोरपा प्रखंडों में मरती हुई नदियों, प्राकृतिक नालों, जल स्रोतों को पिछले पांच सालों से चल रहे एक सामुदायिक अभियान (community campaign) ने नई जिंदगी दी है। स्थानीय ग्रामीणों, ग्राम सभाओं के...

  • खूंटी का कुदलूम सुशासन वाली पंचायत अवार्ड के लिए नॉमिनेट

    रांची। पंचायती राज व्यवस्था (Panchayati Raj System) का प्रतिफल है कि आज इस पंचायत के गांव से कोई पलायन नहीं करता और ना ही बेरोजगारी है। यहां के अधिकांश ग्रामीण आत्मनिर्भर बन जीवन यापन कर रहें हैं। यहां ग्राम सभा ही सर्वोपरी है। तभी तो खूंटी (Khunti) का यह पंचायत भारत सरकार द्वारा दिए जाने वाले राष्ट्रीय पंचायत पुरस्कार के तहत बेहतर सुशासन वाली पंचायत अवार्ड (Good Governance Panchayat Award) के लिए नॉमिनेट हुआ है। हम बात कर रहें हैं। खूंटी के कुदलूम पंचायत की। खूंटी के कर्रा प्रखंड में अवस्थित इस पंचायत में कुल 11 गांव एवं 13 वार्ड...

  • झारखंडः आग से वृद्धि मां सहित मूक बधिर बेटी की मौत

    रांची। झारखंड के खूंटी (Khunti) में मंगलवार तड़के एक घर में आग (fire) लगने से मां और बेटी की जलकर मौत हो गई। हादसा खूंटी (Khunti) जिले के सदर थाना क्षेत्र स्थित अमृतपुर (Amritpur) मुहल्ले का है। एसएस कल्याण छात्रावास (SS Kalyan Hostel) के सामने एक कच्चे मकान से सुबह अचानक आग की तेज लपटें उठने लगीं। आस-पड़ोस के लोग कुछ मदद कर पाते, इसके पहले पूरा मकान आग में स्वाहा हो गया। जिस वक्त घर में आग लगी, वहां तीन लोग थे। इनमें से एक सलोमी कच्छप किसी तरह बाहर निकलने में कामयाब रहीं, जबकि 75 वर्षीय सुसाना कच्छप...