kamalnath

  • जन्मदिन पर कमलनाथ ने दिखाया जलवा

    भोपाल। राजनीतिक उतार चढ़ाव के बीच पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने 28 साल बाद अपने गृह नगर छिंदवाड़ा में जन्मदिन पर जलवा दिखाने में कोई कसर नहीं छोड़ी। प्रदेश भर से उनके समर्थक छिंदवाड़ा पहुंचे और तभी सम्मेलन में कुमार विश्वास ने समां बांधा एक तरह से उन्होंने प्रदेश की राजनीति में अपने आपको अभी भी जनाधार वाला नेता सिद्ध किया। दरअसल लगभग 40 वर्षों तक कमलनाथ छिंदवाड़ा से सांसद और केंद्र में मंत्री या कांग्रेस पार्टी में महत्वपूर्ण पदों पर रहे। 2018 के विधानसभा चुनाव के पहले हुए मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष बनकर भोपाल आए और तब से...

  • प्रथम चरण की 6 सीटों पर आज थामेगा चुनाव प्रचार

    प्रदेश में प्रथम चरण में जिन 6 सीटों पर 19 अप्रैल को मतदान होना है उन सभी सीटों पर आज शाम 5 बजे चुनावी शोरगुल थम जाएगा और घर-घर दस्तक देना शुरू हो जाएगा लेकिन अंतिम ओवर की तरह अंतिम दिनों में भाजपा और संघ ने अपनी पूरी ताकत झौंक दी है। दरअसल जिन 6 सीटों सीधी, शहडोल, जबलपुर, मंडला, बालाघाट और छिंदवाड़ा लोकसभा क्षेत्र में 19 अप्रैल को मतदान होना है। यह सभी सीटें आदिवासी वर्ग के मतदाताओं की बाहुल्यता वाली सीटें हैं। इसमें छिंदवाड़ा सीट पिछले 40 वर्षों से कमलनाथ का गढ़ बन चुकी है और भाजपा इस...

  • गढ़ को बचाने कमलनाथ का भाजपा से कांटे का मुकाबला

    भोपाल। देश में 400 सौ का लक्ष्य लेकर भाजपा चुनाव मैदान में उतरी है इसके लिए जरूरी है कि मध्य प्रदेश की सभी 29 सीटों पर भाजपा चुनाव जीते लेकिन इसमें सबसे बड़ा रोडा कमलनाथ बने हुए है इस बार भी यहां कांग्रेस पार्टी और कांग्रेस प्रत्याशी की बजाय भाजपा कमलनाथ को निशाने पर लिए हुए भाजपा प्रत्याशी की स्थिति भी कांग्रेस प्रत्याशी की तरह हो गई है। प्रथम चरण की छिंदवाड़ा लोकसभा सीट दरअसल प्रथम चरण में प्रदेश में जिन छह लोकसभा सीटों पर 19 अप्रैल को मतदान होना है उसमें सबसे रोचक मुकाबला छिंदवाड़ा लोकसभा क्षेत्र में बना...

  • कमलनाथ के साथ आखिर क्या हुआ

    कांग्रेस के नेता और मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ इन दिनों सोशल मीडिया में मीम्स का सबसे लोकप्रिय सब्जेक्ट बने हैं। उनको लेकर तरह तरह के मजाक बन रहे हैं लेकिन सब जानना चाहते हैं कि आखिर क्या हुआ, जो वे अपने बेटे और बहू को लेकर भाजपा में नहीं शामिल हो सके? वे मध्य प्रदेश से शनिवार को विशेष विमान से दिल्ली के लिए रवाना हुए थे तब तो वे पूरी तैयारी के साथ आए थे कि भाजपा में शामिल हो जाएंगे। फिर शनिवार और रविवार में ऐसा क्या हुआ, जो उनकी गाड़ी पटरी से उतर गई और...

  • गुलाम नबी, कमलनाथ जैसों का क्या ईमान-धर्म?

    अहसानफरामोश तो अहसानफरामोश ही होता है। जिस कांग्रेस ने सब कुछ दिया, या इसको जम्मू कश्मीर के कांग्रेसी ऐसे भी कहते हैं कि क्या नहीं दिया तो जबउन्होंने कांग्रेस को नहीं बख्शा तो फारुख अब्दुल्ला को स्पेयर करने कासवाल ही नहीं!...कमलनाथ अकेले नहीं हैं। वे अब जाएं या भाजपा द्वारा न लिएजाएं उससे कोई फर्क नहीं पड़ता है। उन्होंने अपना अवसरवादी चेहरा दिखादिया। इतना तो 2019 में राहुल गांधी को नहीं मनाया गया था जितना कमलनाथ को कांग्रेस नेता ने अभी मना रहे हैं।कांग्रेसियों ने सारे दावे कर दिए है कि वे नहीं जा रहे। मगर उनके श्रीमुख से अभी...

  • कांग्रेस नहीं छोड़ रहे हैं कमलनाथ

    अहसानफरामोश तो अहसानफरामोश ही होता है। जिस कांग्रेस ने सब कुछ दिया, या इसको जम्मू कश्मीर के कांग्रेसी ऐसे भी कहते हैं कि क्या नहीं दिया तो जबउन्होंने कांग्रेस को नहीं बख्शा तो फारुख अब्दुल्ला को स्पेयर करने कासवाल ही नहीं!...कमलनाथ अकेले नहीं हैं। वे अब जाएं या भाजपा द्वारा न लिएजाएं उससे कोई फर्क नहीं पड़ता है। उन्होंने अपना अवसरवादी चेहरा दिखादिया। इतना तो 2019 में राहुल गांधी को नहीं मनाया गया था जितना कमलनाथ को कांग्रेस नेता ने अभी मना रहे हैं।कांग्रेसियों ने सारे दावे कर दिए है कि वे नहीं जा रहे। मगर उनके श्रीमुख से अभी...

  • क्या होगा कमलनाथ का अगला कदम

    अहसानफरामोश तो अहसानफरामोश ही होता है। जिस कांग्रेस ने सब कुछ दिया, या इसको जम्मू कश्मीर के कांग्रेसी ऐसे भी कहते हैं कि क्या नहीं दिया तो जबउन्होंने कांग्रेस को नहीं बख्शा तो फारुख अब्दुल्ला को स्पेयर करने कासवाल ही नहीं!...कमलनाथ अकेले नहीं हैं। वे अब जाएं या भाजपा द्वारा न लिएजाएं उससे कोई फर्क नहीं पड़ता है। उन्होंने अपना अवसरवादी चेहरा दिखादिया। इतना तो 2019 में राहुल गांधी को नहीं मनाया गया था जितना कमलनाथ को कांग्रेस नेता ने अभी मना रहे हैं।कांग्रेसियों ने सारे दावे कर दिए है कि वे नहीं जा रहे। मगर उनके श्रीमुख से अभी...

  • कमलनाथ के बाद मनीष तिवारी उड़ान भरने की तैयारी में…!

    अहसानफरामोश तो अहसानफरामोश ही होता है। जिस कांग्रेस ने सब कुछ दिया, या इसको जम्मू कश्मीर के कांग्रेसी ऐसे भी कहते हैं कि क्या नहीं दिया तो जबउन्होंने कांग्रेस को नहीं बख्शा तो फारुख अब्दुल्ला को स्पेयर करने कासवाल ही नहीं!...कमलनाथ अकेले नहीं हैं। वे अब जाएं या भाजपा द्वारा न लिएजाएं उससे कोई फर्क नहीं पड़ता है। उन्होंने अपना अवसरवादी चेहरा दिखादिया। इतना तो 2019 में राहुल गांधी को नहीं मनाया गया था जितना कमलनाथ को कांग्रेस नेता ने अभी मना रहे हैं।कांग्रेसियों ने सारे दावे कर दिए है कि वे नहीं जा रहे। मगर उनके श्रीमुख से अभी...

  • मुश्किल है नाथ का हाथ छोड़ कमल का होना…

    अहसानफरामोश तो अहसानफरामोश ही होता है। जिस कांग्रेस ने सब कुछ दिया, या इसको जम्मू कश्मीर के कांग्रेसी ऐसे भी कहते हैं कि क्या नहीं दिया तो जबउन्होंने कांग्रेस को नहीं बख्शा तो फारुख अब्दुल्ला को स्पेयर करने कासवाल ही नहीं!...कमलनाथ अकेले नहीं हैं। वे अब जाएं या भाजपा द्वारा न लिएजाएं उससे कोई फर्क नहीं पड़ता है। उन्होंने अपना अवसरवादी चेहरा दिखादिया। इतना तो 2019 में राहुल गांधी को नहीं मनाया गया था जितना कमलनाथ को कांग्रेस नेता ने अभी मना रहे हैं।कांग्रेसियों ने सारे दावे कर दिए है कि वे नहीं जा रहे। मगर उनके श्रीमुख से अभी...

  • कांग्रेस को अब भी कमलनाथ से उम्मीद

    अहसानफरामोश तो अहसानफरामोश ही होता है। जिस कांग्रेस ने सब कुछ दिया, या इसको जम्मू कश्मीर के कांग्रेसी ऐसे भी कहते हैं कि क्या नहीं दिया तो जबउन्होंने कांग्रेस को नहीं बख्शा तो फारुख अब्दुल्ला को स्पेयर करने कासवाल ही नहीं!...कमलनाथ अकेले नहीं हैं। वे अब जाएं या भाजपा द्वारा न लिएजाएं उससे कोई फर्क नहीं पड़ता है। उन्होंने अपना अवसरवादी चेहरा दिखादिया। इतना तो 2019 में राहुल गांधी को नहीं मनाया गया था जितना कमलनाथ को कांग्रेस नेता ने अभी मना रहे हैं।कांग्रेसियों ने सारे दावे कर दिए है कि वे नहीं जा रहे। मगर उनके श्रीमुख से अभी...

  • कमलनाथ की अपनी अलग रणनीति

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  • सनातन के अपमान पर मौनी बाबा बन जाते हैं कमलनाथ : शिवराज

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  • कमलनाथ को रहना चाहिए सावधान

    अहसानफरामोश तो अहसानफरामोश ही होता है। जिस कांग्रेस ने सब कुछ दिया, या इसको जम्मू कश्मीर के कांग्रेसी ऐसे भी कहते हैं कि क्या नहीं दिया तो जबउन्होंने कांग्रेस को नहीं बख्शा तो फारुख अब्दुल्ला को स्पेयर करने कासवाल ही नहीं!...कमलनाथ अकेले नहीं हैं। वे अब जाएं या भाजपा द्वारा न लिएजाएं उससे कोई फर्क नहीं पड़ता है। उन्होंने अपना अवसरवादी चेहरा दिखादिया। इतना तो 2019 में राहुल गांधी को नहीं मनाया गया था जितना कमलनाथ को कांग्रेस नेता ने अभी मना रहे हैं।कांग्रेसियों ने सारे दावे कर दिए है कि वे नहीं जा रहे। मगर उनके श्रीमुख से अभी...

  • राहुल के लिए जीत की गारंटी राजा के ‘नाथ’…!

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  • कांग्रेस संदेश पहुंचाएगी कमलनाथ का!

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  • प्रियंका गांधी के शंखनाद से कमल नाथ की वापसी

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  • कांग्रेस के नाथ ‘अदृश्य’ पिछड़ों का ‘नेता’ अरुण…!

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  • दिल्ली में खिड़की खोली एमपी में दरवाजे बंद…!

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