judicial activism

  • न्यायिक सक्रियता का नया दौर!

    आमतौर पर माना जाता है कि कार्यपालिका के कमजोर होने से सरकार और विधायिका दोनों के कामकाज में न्यायपालिका का दखल बढ़ता है। यह धारणा इसलिए बनी क्योंकि न्यायिक सक्रियता के बारे में पहली बार भारत में जब सुनने को मिला तो वह कमजोर और गठबंधन की सरकारों का दौर था। उसी दौर में जजों की नियुक्ति का कॉलेजियम सिस्टम भी बना था और सरकार के कामकाज में न्यायिक हस्तक्षेप भी बढ़ा था। यह दौर लंबा चला था। नब्बे के दशक से शुरू करके नई सदी के दूसरे दशक के लगभग मध्य था। उस समय तक जब सर्वोच्च अदालत की...