Jharkhand asseimbly election

  • सूरत, इंदौर जैसा प्रयोग झारखंड में नहीं चला

    लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने दो प्रयोग किए थे। हालांकि पार्टी की उदारता है कि उसने इसे पेटेंट नहीं कराया। लेकिन कालांतर में यह सूरत प्रयोग और इंदौर प्रयोग के नाम से भारत की राजनीति में स्थापित होगा। सूरत में कांग्रेस के प्रत्याशी नीलेश कुंभानी थे उन्होंने चार सेट में नामांकन दाखिल किया था और सबमें अपने रिश्तेदारों या जानकारों को प्रस्तावक बनाया था। नामांकन की जांच के समय प्रस्तावकों ने चुनाव अधिकारी के सामने हलफनामा देकर कहा कि उनके उम्मीदवार का नाम गलत है। इसके बाद कुंभानी का पर्चा रद्द हो गया और बाकी उम्मीदवारों के पर्चे...

  • झारखंड में लालू ने समझी हकीकत

    राजद प्रमुख लालू प्रसाद को हकीकत समझ में आ गई, तभी वे छह सीटों पर चुनाव लड़ने को राजी हो गए। इससे पहले उनकी पार्टी ने आठ सीट की रट लगाई थी और कहा जा रहा था कि कम से कम सात सीट पर तो जरूर लड़ेंगे क्योंकि पिछली बार भी सात सीटों पर लड़े थे। हालांकि पिछली बार राजद सात सीटों पर लड़ कर सिर्फ एक सीट जीत पाई थी और वह भी भाजपा छोड़ कर राजद में शामिल हुए सत्यानंद भोक्ता की सीट थी, जो चतरा अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित सीट से जीते थे। बाकी राजद ने...

  • झारखंड भाजपा में ज्यादा बगावत है

    उम्मीदवार घोषित करने में बढ़त लेने के बाद भारतीय जनता पार्टी अब झारखंड में बगावत रोकने के अभियान में लगी है। राज्य में भाजपा के चुनाव प्रभारी शिवराज सिंह चौहान और सह प्रभारी हिमंत बिस्वा सरमा दोनों सोमवार, 21 अक्टूबर को पार्टी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और पूर्व सांसद रविंद्र राय को मनाने उनके घर गए थे। टिकट नहीं मिलने से नाराज रविंद्र राय अपनी पुरानी सीट राज धनवार से निर्दलीय चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे थे। इस सीट पर भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष और अघोषित सीएम दावेदार बाबूलाल मरांडी चुनाव लड़ रहे हैं। रविंद्र राय से मिलने के...