मध्य वर्ग की मुश्किलें
महंगाई और सामान्य आमदनी ना बढ़ने से ग्रस्त भारतीय अर्थव्यवस्था में सबसे पहली चोट 50,000 रुपये मासिक से कम आय वाले परिवारों पर पड़ी। अब 50 हजार से एक लाख रुपए आमदनी के बीच वाले परिवार प्रभावित हो रहे हैं। बाजार की एजेंसियां जब मध्य वर्ग के ह्रास की बातें करने लगें, तो समझा जा सकता है कि आर्थिक संकट कितना गहरा हो चुका है। मध्य वर्ग किसी अर्थव्यवस्था की रीढ़ होता है। यही तबका है, जिसके उपभोग की आकांक्षाएं लगातार बढ़ रही होती हैं। मध्य वर्ग का आकार बढ़ रहा हो, तो अर्थव्यवस्था में मांग, निवेश, उत्पादन और वितरण...