विपक्षी गठरी का नंगधडंग जर्जरपन
नरेंद्र भाई की टोपी में अगर ईवीएम-फीवीएम तिकडमों का कोई खरगोश है भी तो इस हक़ीक़त से कैसे इनकार करें कि सामुदायिक, सामाजिक और जातिगत समीकरणों पर लगातार केंद्रित रहने का काम करने वाली एक बेहद प्रतिबद्ध पलटन भाजपा के पास है। क्षेत्रीय दलों के पास भले ही अन्यान्य कारणों से ऐसी टोलियां हैं, मगर कांग्रेस तो समर्पित हमजोलियों के नाम पर एक छिछली और सतही गुदड़ी ओढ़ कर पड़ी हुई है। इसलिए जब तक कांग्रेस अपने घिसेपिटेपन से मुक्ति की अंगड़ाई नहीं लेती, तब तक भाजपा को ढोते रहिए। महाराष्ट्र और झारखंड के विधानसभा चुनावों और उन के साथ...