independence day 2023

  • स्वतंत्रता दिवस और स्वतंत्रता

    भारत ने प्रगति की राह पर कई अनोखी उपलब्धियां हासिल की हैं, लेकिन यह बात हमेशा ध्यान में रखनी चाहिए कि राष्ट्रीय स्वतंत्रता तब तक संपूर्ण नहीं होती, जब तक राष्ट्र का हर व्यक्ति अपनी संभावनाओं को प्राप्त करने के लिहाज से पूर्ण सक्षम नहीं हो जाता। आज भारत अपनी आजादी की 76वीं सालगिरह मना रहा है, तो हर वर्ष की तरह फिर हमारे सामने यह सवाल हमारे सामने दरपेश है कि जिन मकसदों के लिए संघर्ष करते हुए हमारे राष्ट्र ने स्वतंत्रता प्राप्त की थी, उन्हें हासिल करने की दिशा में हम कितना कदम बढ़ा पाए। बेशक गुजरे दशकों...

  • नफ़रत व अलगाव से मुक्त हो भारत

    आज पंथ-जमात की भीड़ को अहिंसा का पाठ कौन पढ़ाएगा? गांधीजी ने जनता को अहिंसक रहते हुए भारत छोड़ो आंदोलन के प्रति जागरूक किया था। जगह जगह हिंसा रोकने के लिए क्या आज कोई नेता हाथ उठा नेतृत्व देने में समर्थ है? आज तो जैसे को तैसा जताने का राष्ट्रवाद पनप रहा है। इसीलिए आज के समय में ही विदेश जा बसने वाले भारतीयों की संख्या अब तक की सबसे ज्यादा है।            प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने फिर महात्मा गांधी का नाम ले कर आव्हान किया। उन्होने अगस्त सन् 1942 के मुंबई अधिवेशन में महात्मा गांधी द्वारा ‘अंग्रेजों भारत छोड़ो’ नारे...

  • हम आजादी में जी रहे या पाबंदियों में?

    एक अनुशासन के रूप में राजनीति शास्त्र की पढ़ाई करने वाले विद्यार्थी कभी न कभी इस सवाल से जरूर टकराए होंगे कि असली आजादी क्या है? आजादी की परिभाषा तय करने के क्रम में एक तुलनात्मक प्रश्न पूछा जाता है। मान लीजिए कि एक बच्चा है, जो सुबह अपनी मर्जी से उठता है, स्कूल नहीं जाता है, दिन भर खेल-कूद में या मटरगश्ती में रहता है, उसका जहां मन होता है वहां जाता है, जो मन होता है वह करता है और एक दूसरा बच्चा है, जो सुबह समय से उठता है, तैयार होकर स्कूल जाता है, स्कूल से लौट...

  • 76 वीं आज़ादी की वर्षगांठ पर– लालकिला से सबोधन

    भोपाल। विधि और न्याय व्यवस्था के कानूनों में परिवर्तन का दावा करते हुए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने लोकसभा को बताया कि मोदी जी ने विगत में तीन प्रण लिए थे जिनमें एक था गुलामी की निशानियों को मिटा देंगे। फ़ौजदारी और साक्ष्य कानून में संशोधन के विधेयक पेश करते हुए उन्होंने कहा। अब मोदी जी और शाह साहब के पहले के बयानों की तरह यह भी हकीकत से बहुत दूर है। मोदी जी जब - जब लाल किले से कहेंगे कि मैं आज़ादी की (76 वीं) वर्षगांठ पर देश को बधाई देता हूँ, तब आखिर वे यही तो...

  • एक अहम सवाल क्या हमने शहीदों के सपने साकार किए….?

    भोपाल। हमने अपनी आजादी का अमृत महोत्सव तो जोर-शोर के साथ मना लिया, किंतु क्या देशभक्तों के किसी भी कथित वर्ग ने इस सवाल पर आत्म चिंतन किया कि हमने आजादी के बाद के 75 सालों की लंबी अवधि में किस हद तक हमारे स्वतंत्रता संग्राम शहीद सेनानियों के सपनों को साकार करने की कोशिश कि? शायद... किसी ने भी नहीं... आजादी का अर्थ हमने हर तरह की आजादी समझा और उसी के अनुरूप आजादी भोगने की कोशिश की। देश की बागडोर संभालने वाले हमारे आधुनिक भाग्यविधाताओं से लेकर आम आदमी तक किसी ने भी इस अहम सवाल का उत्तर...