hathras stampede

  • हाथरस हादसे में एसडीएम सहित छह निलंबित

    लखनऊ। हाथरस में एक सत्संग में हुई भगदड़ और करीब सवा सौ लोगों की मौत के मामले में सात दिन बाद राज्य सरकार ने बड़ी कार्रवाई की है। उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने जिले के एसडीएम और सीओ सहित छह अधिकारियों को निलंबित कर दिया है। इससे पहले घटना की जांच के लिए बनाई गई विशेष जांच टीम यानी एसआईटी ने अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंपी थी। बताया जा रहा है कि इस रिपोर्ट के आधार पर ही सरकार ने यह कार्रवाई की है। एसआईटी ने सोमवार की रात को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को नौ सौ पन्नों की...

  • हाथरस हादसे का मुख्य आरोपी जेल भेजा गया

    लखनऊ। हाथरस के एक सत्संग में हुई भगदड़ का मुख्य आरोपी गिरफ्तार कर लिया गया है और अदालत ने उसको 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया है। सत्संग करने वाले ‘भोले बाबा’ के मुख्य सेवादार और भगदड़ के मुख्य आरोपी देव प्रकाश मधुकर को अलीगढ़ के सीजेएम कोर्ट ने 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। मधुकर की पेशी के समय कोर्ट में मीडिया का जमावड़ा था। पुलिस मीडिया से बचने के लिए मधुकर को पीछे के दरवाजे से दौड़ा कर बाहर ले गई। मधुकर और उसके एक अन्य साथी संजीव यादव को अलीगढ़ जेल...

  • हाथरस हादसे पर एसआईटी ने रिपोर्ट सौंपी

    लखनऊ। उत्तर प्रदेश के हाथरस में एक सत्संग के दौरान हुई भगदड़ के मामले की जांच के लिए बनी विशेष जांच टीम यानी एसआईटी ने अपनी रिपोर्ट सौंप दी है। हादसे के चार दिन बाद तक सत्संग करने वाले बाबा का अता पता नहीं है। बाबा के कुछ सेवादार गिरफ्तार हुए हैं लेकिन पुलिस मुख्य सेवादार और मुख्य आयोजक के अभी तक तलाश नहीं कर पाई है। उससे पहले एसआईटी ने अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंप दी है, जिसमें हादसे को लापरवाही और बदइंतजामी  का नतीजा कहा गया है।  एसआईटी ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि सत्संग में बड़ी...

  • हर शाख पर बाबा बैठे हैं

    हाथरस में एक बाबा के सत्संग की भगदड़ में करीब सवा सौ लोग मरे तब देश में ज्यादातर लोगों को सूरजपाल जाटव उर्फ भोले बाबा के बारे में मालूम हुआ। लोग इन बाबा को नहीं जानते थे लेकिन अब पूरी कुंडली सब लोग जान गए हैं। सूरजपाल पहले खेती किसानी करता था, फिर उत्तर प्रदेश पुलिस में भर्ती हो हुआ। वहां से निकल कर नारायण हरि उर्फ भोले बाबा बना। सोचें, नारायण भी और भोले भी यानी विष्णु भी और शिव भी एक ही व्यक्ति बन गया! अब सबको पता है कि इस बाबा के खिलाफ कई मुकदमे थे, जिसमें...

  • अजैविक मोदी से ‘भोले बाबा’ तक!

    आश्चर्यजनक! जाटव ‘भोले बाबा’ के ‘चरण रज’ के लिए इतनी मारामारी जो भीड़ बेकाबू हुई। नतीजतन लोगों की मौतें! सोचें, मायावती, कांशीराम, बीआर अंबेडकर आदि के हवाले मनुवादी व्यवस्था को लेकर जितनी तरह के, जैसे दलित नैरेटिव चले हुए हैं उसमें सिपाही सूरजपाल जाटव का 'भोले बाबा' अवतार क्या बतलाता है? यह क्या भारत की हिंदू भीड़ के दुखी (आर्त), भूखे-भयाकुल-पाखंडी (अर्थार्थी) गंवारों की सच्चाई का प्रमाण नहीं है? जैसे राजधानी दिल्ली में लोकोक्ति है कि सारे दुखिया जमना पार, वैसे ही पृथ्वी के हर कोने में यदि यह भाव बने कि सारे दुखिया अरब सागर पार हिंदुस्तान में (हां,...

  • हाथरस के पीड़ितों से मिले राहुल

    आश्चर्यजनक! जाटव ‘भोले बाबा’ के ‘चरण रज’ के लिए इतनी मारामारी जो भीड़ बेकाबू हुई। नतीजतन लोगों की मौतें! सोचें, मायावती, कांशीराम, बीआर अंबेडकर आदि के हवाले मनुवादी व्यवस्था को लेकर जितनी तरह के, जैसे दलित नैरेटिव चले हुए हैं उसमें सिपाही सूरजपाल जाटव का 'भोले बाबा' अवतार क्या बतलाता है? यह क्या भारत की हिंदू भीड़ के दुखी (आर्त), भूखे-भयाकुल-पाखंडी (अर्थार्थी) गंवारों की सच्चाई का प्रमाण नहीं है? जैसे राजधानी दिल्ली में लोकोक्ति है कि सारे दुखिया जमना पार, वैसे ही पृथ्वी के हर कोने में यदि यह भाव बने कि सारे दुखिया अरब सागर पार हिंदुस्तान में (हां,...

  • इंटरनेट पर भी चमत्कार और भक्त

    आश्चर्यजनक! जाटव ‘भोले बाबा’ के ‘चरण रज’ के लिए इतनी मारामारी जो भीड़ बेकाबू हुई। नतीजतन लोगों की मौतें! सोचें, मायावती, कांशीराम, बीआर अंबेडकर आदि के हवाले मनुवादी व्यवस्था को लेकर जितनी तरह के, जैसे दलित नैरेटिव चले हुए हैं उसमें सिपाही सूरजपाल जाटव का 'भोले बाबा' अवतार क्या बतलाता है? यह क्या भारत की हिंदू भीड़ के दुखी (आर्त), भूखे-भयाकुल-पाखंडी (अर्थार्थी) गंवारों की सच्चाई का प्रमाण नहीं है? जैसे राजधानी दिल्ली में लोकोक्ति है कि सारे दुखिया जमना पार, वैसे ही पृथ्वी के हर कोने में यदि यह भाव बने कि सारे दुखिया अरब सागर पार हिंदुस्तान में (हां,...

  • बाबाओं का उदय और अस्त

    आश्चर्यजनक! जाटव ‘भोले बाबा’ के ‘चरण रज’ के लिए इतनी मारामारी जो भीड़ बेकाबू हुई। नतीजतन लोगों की मौतें! सोचें, मायावती, कांशीराम, बीआर अंबेडकर आदि के हवाले मनुवादी व्यवस्था को लेकर जितनी तरह के, जैसे दलित नैरेटिव चले हुए हैं उसमें सिपाही सूरजपाल जाटव का 'भोले बाबा' अवतार क्या बतलाता है? यह क्या भारत की हिंदू भीड़ के दुखी (आर्त), भूखे-भयाकुल-पाखंडी (अर्थार्थी) गंवारों की सच्चाई का प्रमाण नहीं है? जैसे राजधानी दिल्ली में लोकोक्ति है कि सारे दुखिया जमना पार, वैसे ही पृथ्वी के हर कोने में यदि यह भाव बने कि सारे दुखिया अरब सागर पार हिंदुस्तान में (हां,...

  • पहले बड़े अब लोकल!

    आश्चर्यजनक! जाटव ‘भोले बाबा’ के ‘चरण रज’ के लिए इतनी मारामारी जो भीड़ बेकाबू हुई। नतीजतन लोगों की मौतें! सोचें, मायावती, कांशीराम, बीआर अंबेडकर आदि के हवाले मनुवादी व्यवस्था को लेकर जितनी तरह के, जैसे दलित नैरेटिव चले हुए हैं उसमें सिपाही सूरजपाल जाटव का 'भोले बाबा' अवतार क्या बतलाता है? यह क्या भारत की हिंदू भीड़ के दुखी (आर्त), भूखे-भयाकुल-पाखंडी (अर्थार्थी) गंवारों की सच्चाई का प्रमाण नहीं है? जैसे राजधानी दिल्ली में लोकोक्ति है कि सारे दुखिया जमना पार, वैसे ही पृथ्वी के हर कोने में यदि यह भाव बने कि सारे दुखिया अरब सागर पार हिंदुस्तान में (हां,...

  • हाथरस हादसे में छह गिरफ्तार

    आश्चर्यजनक! जाटव ‘भोले बाबा’ के ‘चरण रज’ के लिए इतनी मारामारी जो भीड़ बेकाबू हुई। नतीजतन लोगों की मौतें! सोचें, मायावती, कांशीराम, बीआर अंबेडकर आदि के हवाले मनुवादी व्यवस्था को लेकर जितनी तरह के, जैसे दलित नैरेटिव चले हुए हैं उसमें सिपाही सूरजपाल जाटव का 'भोले बाबा' अवतार क्या बतलाता है? यह क्या भारत की हिंदू भीड़ के दुखी (आर्त), भूखे-भयाकुल-पाखंडी (अर्थार्थी) गंवारों की सच्चाई का प्रमाण नहीं है? जैसे राजधानी दिल्ली में लोकोक्ति है कि सारे दुखिया जमना पार, वैसे ही पृथ्वी के हर कोने में यदि यह भाव बने कि सारे दुखिया अरब सागर पार हिंदुस्तान में (हां,...

  • मानव की गरिमा नहीं

    आश्चर्यजनक! जाटव ‘भोले बाबा’ के ‘चरण रज’ के लिए इतनी मारामारी जो भीड़ बेकाबू हुई। नतीजतन लोगों की मौतें! सोचें, मायावती, कांशीराम, बीआर अंबेडकर आदि के हवाले मनुवादी व्यवस्था को लेकर जितनी तरह के, जैसे दलित नैरेटिव चले हुए हैं उसमें सिपाही सूरजपाल जाटव का 'भोले बाबा' अवतार क्या बतलाता है? यह क्या भारत की हिंदू भीड़ के दुखी (आर्त), भूखे-भयाकुल-पाखंडी (अर्थार्थी) गंवारों की सच्चाई का प्रमाण नहीं है? जैसे राजधानी दिल्ली में लोकोक्ति है कि सारे दुखिया जमना पार, वैसे ही पृथ्वी के हर कोने में यदि यह भाव बने कि सारे दुखिया अरब सागर पार हिंदुस्तान में (हां,...

  • भगदड़ में सौ से ज्यादा मौत

    आश्चर्यजनक! जाटव ‘भोले बाबा’ के ‘चरण रज’ के लिए इतनी मारामारी जो भीड़ बेकाबू हुई। नतीजतन लोगों की मौतें! सोचें, मायावती, कांशीराम, बीआर अंबेडकर आदि के हवाले मनुवादी व्यवस्था को लेकर जितनी तरह के, जैसे दलित नैरेटिव चले हुए हैं उसमें सिपाही सूरजपाल जाटव का 'भोले बाबा' अवतार क्या बतलाता है? यह क्या भारत की हिंदू भीड़ के दुखी (आर्त), भूखे-भयाकुल-पाखंडी (अर्थार्थी) गंवारों की सच्चाई का प्रमाण नहीं है? जैसे राजधानी दिल्ली में लोकोक्ति है कि सारे दुखिया जमना पार, वैसे ही पृथ्वी के हर कोने में यदि यह भाव बने कि सारे दुखिया अरब सागर पार हिंदुस्तान में (हां,...

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