Gadhedo

  • गधेड़ो!

    क्या ‘गधा’ मनुष्य हो सकता है? हां, भारत में सब संभव है! वह राजा बन सकता है, मंत्री बन सकता है, कलेक्टर, तहसीलदार, पटवारी कुछ भी बन सकता है। बस, माटसा (मास्टर साहब) उसको पढ़ा दें! मारवाड़ी-मेवाड़ी में गधेड़े को मनक (मनुष्य) बनाने की एक व्यंग्यात्मक लोककथा है। पर गधा, मनुष्य बना तो भी अपनी प्रवृत्ति से कैसे बाज आ सकता है। उसके न काज के और न काम के मिजाज के साथ खा-खा कर मुटियाने और दुलत्ती मारने की आदत नहीं जाएगी। मेरा मानना है स्वतंत्र भारत के 78 वर्षों का यह एक अभूतपूर्व जुगाड़ है जो ‘गधेड़े’ को...