G20 Summit

  • जी-20 लीला के मोदी वोट?

    भाजपा मंत्री,नेता, संघ परिवार के मुखिया सभी अभिभूत है। भाजपा बम-बम है। कार्यकर्ता और भक्त आत्मविश्वास में है। सबके लिए नरेंद्र मोदी मानों सूर्य भगवान। उन्ही से पृथ्वी का जीवन, वे ही जगदगुरू। वे भले अपने आपको विश्व मित्र कहें, पर भक्तों के वे विश्वगुरू है और हम सभी भारतीय इन गुरूदेव की भक्त प्रजा! सवाल है तब भला दो महिने बाद होने वाले पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों में, सात महिने बाद होने वाले लोकसभा चुनावों में जगत के सूरज को क्या कोई हरा सकेगा?  कतई नहीं। उलटे नरेंद्र मोदी की सुनामी आएगी। वह जल प्रलय होगा जिसमें वे...

  • जी-20 का प्रचार चलता रहेगा

    जी-20 शिखर सम्मेलन का प्रचार तुरंत थमने वाला नहीं है। संसद के विशेष सत्र और उसके बाद पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव में भी इसे मुद्दा बनाया जाएगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद इस बड़े आयोजन का अधिकतम प्रचार करने और अधिकतम लाभ लेने की योजना पर काम कर रहे हैं। तभी शिखर सम्मेलन खत्म होने के बाद से हर दिन कोई न कोई कार्यक्रम हो रहा है, जो इससे जुड़ा हुआ है। जैसे सम्मेलन के अगले दिन प्रधानमंत्री मोदी भारत मंडपम गए, जहां क्राफ्ट का मेला लगा हुआ है। उन्होंने विदेश मंत्रालय के अधिकारियों के साथ सुषमा स्वराज भवन में...

  • पुलिस जवानों के साथ डिनर करेंगे मोदी

    नई दिल्ली। जी-20 शिखर सम्मेलन समाप्त होने के बाद अब धन्यवाद ज्ञापन का काम चल रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंगलवार को विदेश मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों से मिले और उनको जी-20 की सफलता के लिए बधाई दी और धन्यवाद दिया। बुधवार को कैबिनेट की बैठक में प्रधानमंत्री मोदी को बधाई दी गई और उनके अभिनंदन का प्रस्ताव पास किया गया। अब 16 सितंबर को प्रधानमंत्री मोदी जी-20 की सुरक्षा में तैनात दिल्ली पुलिस के साढ़े चार सौ जवानों को डिनर के लिए आमंत्रित किया है। इससे पहले दिल्ली पुलिस के कमिश्नर संजय अरोड़ा ने वरिष्ठ अधिकारियों को अलग से...

  • रात्रिभोज पर विपक्षी मुख्यमंत्रियों की राजनीति

    भारत में या दुनिया के किसी भी लोकतंत्र में यह सिर्फ कहने की बात होती है कि अमुक बात पर राजनीति नहीं होनी चाहिए या अमुक बात राजनीति से परे है। असल में हर बात पर राजनीति होती है, चाहे होती हुई दिखे या न दिखे। यहां तो जी-20 देशों के मेहमानों के लिए आयोजित राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के रात्रिभोज में साफ-साफ राजनीति होती हुई दिखी। शुरुआत केंद्र सरकार ने की, जिसने इस पूरे आयोजन को सरकारी बना दिया और यह तय किया कि सिर्फ सरकार के लोगों को बुलाया जाएगा। तभी विपक्षी पार्टियों के मुख्यमंत्री बुलाए गए लेकिन विपक्ष...

  • चोरी चोरी- चुपके चुपके!

    पश्चिमी देशों के लिए मानव अधिकार जैसी बातें हमेशा विदेश नीति के मकसद साधने की औजार रही हैं। आज की बदलती भू-राजनीति और विश्व शक्ति संतुलन में भारत की जो हैसियत है, उसके बीच वे इस हथियार को चलाने में अनिच्छुक हैँ। अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन नई दिल्ली में उन शर्तों के दायरे में रहे, जो भारत सरकार की तरफ से उन्हें बताया गया था। लेकिन जब वे वियतनाम पहुंचे, तो वहां बड़े गोलमोल अंदाज में बताया कि उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बातचीत के दौरान ‘मानव अधिकारों के सम्मान और एक मजबूत एवं समृद्ध देश के निर्माण में...

  • बाइडेन ने मोदी से मानवाधिकारों पर बात की

    पश्चिमी देशों के लिए मानव अधिकार जैसी बातें हमेशा विदेश नीति के मकसद साधने की औजार रही हैं। आज की बदलती भू-राजनीति और विश्व शक्ति संतुलन में भारत की जो हैसियत है, उसके बीच वे इस हथियार को चलाने में अनिच्छुक हैँ। अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन नई दिल्ली में उन शर्तों के दायरे में रहे, जो भारत सरकार की तरफ से उन्हें बताया गया था। लेकिन जब वे वियतनाम पहुंचे, तो वहां बड़े गोलमोल अंदाज में बताया कि उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बातचीत के दौरान ‘मानव अधिकारों के सम्मान और एक मजबूत एवं समृद्ध देश के निर्माण में...

  • भारत ने ब्राजील को सौंपी अध्यक्षता

    पश्चिमी देशों के लिए मानव अधिकार जैसी बातें हमेशा विदेश नीति के मकसद साधने की औजार रही हैं। आज की बदलती भू-राजनीति और विश्व शक्ति संतुलन में भारत की जो हैसियत है, उसके बीच वे इस हथियार को चलाने में अनिच्छुक हैँ। अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन नई दिल्ली में उन शर्तों के दायरे में रहे, जो भारत सरकार की तरफ से उन्हें बताया गया था। लेकिन जब वे वियतनाम पहुंचे, तो वहां बड़े गोलमोल अंदाज में बताया कि उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बातचीत के दौरान ‘मानव अधिकारों के सम्मान और एक मजबूत एवं समृद्ध देश के निर्माण में...

  • जी-20: ‘इतिहास’ रचा या गर्व लायक कुछ नहीं?

    पश्चिमी देशों के लिए मानव अधिकार जैसी बातें हमेशा विदेश नीति के मकसद साधने की औजार रही हैं। आज की बदलती भू-राजनीति और विश्व शक्ति संतुलन में भारत की जो हैसियत है, उसके बीच वे इस हथियार को चलाने में अनिच्छुक हैँ। अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन नई दिल्ली में उन शर्तों के दायरे में रहे, जो भारत सरकार की तरफ से उन्हें बताया गया था। लेकिन जब वे वियतनाम पहुंचे, तो वहां बड़े गोलमोल अंदाज में बताया कि उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बातचीत के दौरान ‘मानव अधिकारों के सम्मान और एक मजबूत एवं समृद्ध देश के निर्माण में...

  • मोदी आए और बॉय कर गए !

    पश्चिमी देशों के लिए मानव अधिकार जैसी बातें हमेशा विदेश नीति के मकसद साधने की औजार रही हैं। आज की बदलती भू-राजनीति और विश्व शक्ति संतुलन में भारत की जो हैसियत है, उसके बीच वे इस हथियार को चलाने में अनिच्छुक हैँ। अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन नई दिल्ली में उन शर्तों के दायरे में रहे, जो भारत सरकार की तरफ से उन्हें बताया गया था। लेकिन जब वे वियतनाम पहुंचे, तो वहां बड़े गोलमोल अंदाज में बताया कि उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बातचीत के दौरान ‘मानव अधिकारों के सम्मान और एक मजबूत एवं समृद्ध देश के निर्माण में...

  • हितों का मेल है

    पश्चिमी देशों के लिए मानव अधिकार जैसी बातें हमेशा विदेश नीति के मकसद साधने की औजार रही हैं। आज की बदलती भू-राजनीति और विश्व शक्ति संतुलन में भारत की जो हैसियत है, उसके बीच वे इस हथियार को चलाने में अनिच्छुक हैँ। अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन नई दिल्ली में उन शर्तों के दायरे में रहे, जो भारत सरकार की तरफ से उन्हें बताया गया था। लेकिन जब वे वियतनाम पहुंचे, तो वहां बड़े गोलमोल अंदाज में बताया कि उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बातचीत के दौरान ‘मानव अधिकारों के सम्मान और एक मजबूत एवं समृद्ध देश के निर्माण में...

  • प्रतिष्ठा बच गई!

    पश्चिमी देशों के लिए मानव अधिकार जैसी बातें हमेशा विदेश नीति के मकसद साधने की औजार रही हैं। आज की बदलती भू-राजनीति और विश्व शक्ति संतुलन में भारत की जो हैसियत है, उसके बीच वे इस हथियार को चलाने में अनिच्छुक हैँ। अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन नई दिल्ली में उन शर्तों के दायरे में रहे, जो भारत सरकार की तरफ से उन्हें बताया गया था। लेकिन जब वे वियतनाम पहुंचे, तो वहां बड़े गोलमोल अंदाज में बताया कि उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बातचीत के दौरान ‘मानव अधिकारों के सम्मान और एक मजबूत एवं समृद्ध देश के निर्माण में...

  • भारत-मध्य पूर्व-यूरोप का कॉरिडोर बनेगा

    पश्चिमी देशों के लिए मानव अधिकार जैसी बातें हमेशा विदेश नीति के मकसद साधने की औजार रही हैं। आज की बदलती भू-राजनीति और विश्व शक्ति संतुलन में भारत की जो हैसियत है, उसके बीच वे इस हथियार को चलाने में अनिच्छुक हैँ। अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन नई दिल्ली में उन शर्तों के दायरे में रहे, जो भारत सरकार की तरफ से उन्हें बताया गया था। लेकिन जब वे वियतनाम पहुंचे, तो वहां बड़े गोलमोल अंदाज में बताया कि उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बातचीत के दौरान ‘मानव अधिकारों के सम्मान और एक मजबूत एवं समृद्ध देश के निर्माण में...

  • ‘भारत की जी20 अध्यक्षता सबसे महत्वाकांक्षी, 112 डाक्यूमेंट्स अपनाये गए’

    पश्चिमी देशों के लिए मानव अधिकार जैसी बातें हमेशा विदेश नीति के मकसद साधने की औजार रही हैं। आज की बदलती भू-राजनीति और विश्व शक्ति संतुलन में भारत की जो हैसियत है, उसके बीच वे इस हथियार को चलाने में अनिच्छुक हैँ। अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन नई दिल्ली में उन शर्तों के दायरे में रहे, जो भारत सरकार की तरफ से उन्हें बताया गया था। लेकिन जब वे वियतनाम पहुंचे, तो वहां बड़े गोलमोल अंदाज में बताया कि उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बातचीत के दौरान ‘मानव अधिकारों के सम्मान और एक मजबूत एवं समृद्ध देश के निर्माण में...

  • पीएम मोदी ने जी20 शिखर सम्मेलन में ‘भारत’ का प्रतिनिधित्व किया

    पश्चिमी देशों के लिए मानव अधिकार जैसी बातें हमेशा विदेश नीति के मकसद साधने की औजार रही हैं। आज की बदलती भू-राजनीति और विश्व शक्ति संतुलन में भारत की जो हैसियत है, उसके बीच वे इस हथियार को चलाने में अनिच्छुक हैँ। अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन नई दिल्ली में उन शर्तों के दायरे में रहे, जो भारत सरकार की तरफ से उन्हें बताया गया था। लेकिन जब वे वियतनाम पहुंचे, तो वहां बड़े गोलमोल अंदाज में बताया कि उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बातचीत के दौरान ‘मानव अधिकारों के सम्मान और एक मजबूत एवं समृद्ध देश के निर्माण में...

  • जी20 शिखर सम्मेलन; दिल्ली में ड्रोन हादसा सामने आया

    पश्चिमी देशों के लिए मानव अधिकार जैसी बातें हमेशा विदेश नीति के मकसद साधने की औजार रही हैं। आज की बदलती भू-राजनीति और विश्व शक्ति संतुलन में भारत की जो हैसियत है, उसके बीच वे इस हथियार को चलाने में अनिच्छुक हैँ। अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन नई दिल्ली में उन शर्तों के दायरे में रहे, जो भारत सरकार की तरफ से उन्हें बताया गया था। लेकिन जब वे वियतनाम पहुंचे, तो वहां बड़े गोलमोल अंदाज में बताया कि उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बातचीत के दौरान ‘मानव अधिकारों के सम्मान और एक मजबूत एवं समृद्ध देश के निर्माण में...

  • जी20 शिखर सम्मेलन के कारण पटना से दिल्ली आने वाली 10 उड़ानें रद्द

    पश्चिमी देशों के लिए मानव अधिकार जैसी बातें हमेशा विदेश नीति के मकसद साधने की औजार रही हैं। आज की बदलती भू-राजनीति और विश्व शक्ति संतुलन में भारत की जो हैसियत है, उसके बीच वे इस हथियार को चलाने में अनिच्छुक हैँ। अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन नई दिल्ली में उन शर्तों के दायरे में रहे, जो भारत सरकार की तरफ से उन्हें बताया गया था। लेकिन जब वे वियतनाम पहुंचे, तो वहां बड़े गोलमोल अंदाज में बताया कि उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बातचीत के दौरान ‘मानव अधिकारों के सम्मान और एक मजबूत एवं समृद्ध देश के निर्माण में...

  • मोदी ने अफ्रीकी संघ को जी20 में स्थायी सदस्य के रूप में शामिल किये जाने का स्वागत किया

    पश्चिमी देशों के लिए मानव अधिकार जैसी बातें हमेशा विदेश नीति के मकसद साधने की औजार रही हैं। आज की बदलती भू-राजनीति और विश्व शक्ति संतुलन में भारत की जो हैसियत है, उसके बीच वे इस हथियार को चलाने में अनिच्छुक हैँ। अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन नई दिल्ली में उन शर्तों के दायरे में रहे, जो भारत सरकार की तरफ से उन्हें बताया गया था। लेकिन जब वे वियतनाम पहुंचे, तो वहां बड़े गोलमोल अंदाज में बताया कि उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बातचीत के दौरान ‘मानव अधिकारों के सम्मान और एक मजबूत एवं समृद्ध देश के निर्माण में...

  • आज से जी-20 सम्मेलन

    पश्चिमी देशों के लिए मानव अधिकार जैसी बातें हमेशा विदेश नीति के मकसद साधने की औजार रही हैं। आज की बदलती भू-राजनीति और विश्व शक्ति संतुलन में भारत की जो हैसियत है, उसके बीच वे इस हथियार को चलाने में अनिच्छुक हैँ। अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन नई दिल्ली में उन शर्तों के दायरे में रहे, जो भारत सरकार की तरफ से उन्हें बताया गया था। लेकिन जब वे वियतनाम पहुंचे, तो वहां बड़े गोलमोल अंदाज में बताया कि उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बातचीत के दौरान ‘मानव अधिकारों के सम्मान और एक मजबूत एवं समृद्ध देश के निर्माण में...

  • मोदी-बाइडेन में हुई दोपक्षीय वार्ता

    पश्चिमी देशों के लिए मानव अधिकार जैसी बातें हमेशा विदेश नीति के मकसद साधने की औजार रही हैं। आज की बदलती भू-राजनीति और विश्व शक्ति संतुलन में भारत की जो हैसियत है, उसके बीच वे इस हथियार को चलाने में अनिच्छुक हैँ। अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन नई दिल्ली में उन शर्तों के दायरे में रहे, जो भारत सरकार की तरफ से उन्हें बताया गया था। लेकिन जब वे वियतनाम पहुंचे, तो वहां बड़े गोलमोल अंदाज में बताया कि उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बातचीत के दौरान ‘मानव अधिकारों के सम्मान और एक मजबूत एवं समृद्ध देश के निर्माण में...

  • भूतिया, गंवार राजधानी की मेजबानी!

    पश्चिमी देशों के लिए मानव अधिकार जैसी बातें हमेशा विदेश नीति के मकसद साधने की औजार रही हैं। आज की बदलती भू-राजनीति और विश्व शक्ति संतुलन में भारत की जो हैसियत है, उसके बीच वे इस हथियार को चलाने में अनिच्छुक हैँ। अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन नई दिल्ली में उन शर्तों के दायरे में रहे, जो भारत सरकार की तरफ से उन्हें बताया गया था। लेकिन जब वे वियतनाम पहुंचे, तो वहां बड़े गोलमोल अंदाज में बताया कि उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बातचीत के दौरान ‘मानव अधिकारों के सम्मान और एक मजबूत एवं समृद्ध देश के निर्माण में...

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