donald trump

  • ट्रंप,मस्क को भारत के अपमान में मजा!

    trump and musk : यह लाख टके का सवाल है कि अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप क्यों भारत का अपमान करना और उसे पूरी दुनिया को दिखाना चाहते हैं? प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के समर्थक इस बात पर लहालोट हो रहे हैं कि ट्रंप ने मोदी के लिए कुर्सी खींची, उनको ग्रेट लीडर बताया और अपना दोस्त कहा (trump and musk) लेकिन दूसरी ओर ट्रंप अवैध भारतीय प्रवासियों को बेहद अपमानजनक तरीके से भारत वापस भेज रहे हैं और उसका वीडियो शेयर करके मजाक बनाया जा रहा है। क्या भारत को उदाहरण बना कर ट्रंप दुनिया को दिखाना चाहते हैं? अगर...

  • मोदी के 15 लाख, मस्क के सवा चार लाख

    modi trump musk : भारत में विपक्षी पार्टियां आज तक इस बात का जिक्र करती हैं तो नरेंद्र मोदी ने प्रधानमंत्री पद के दावेदार के तौर पर चुनाव लड़ते समय 2014 में कहा था कि वे जीते तो विदेश में जमा काला धन ले आएंगे, जिसमें से हर भारतीय के खाते में 15 लाख रुपए आ जाएंगे। हालांकि उन्होंने यह बात एक मिसाल के तौर पर कही थी, जिसका मकसद यह बताना था कि विदेशों में भारत का कितना काला धन जमा है। बाद में अमित शाह ने कहा भी कि यह एक जुमला था। 15 लाख रुपए खाते में...

  • ‘प्रथम’ है फिर भी ‘प्रथम’ की सनक!

    डोनाल्‍ड ट्रंप का जवाब नहीं हैं। अमेरिका को सनका दिया है। और सनक मानो छूत की बीमारी जो कई योरोपीय देशों में भी दक्षिणपंथियों की पौ-बारह है। सियासी उथलपुथल है। उस नाते फिर प्रमाणित है कि अमेरिका का छींकना और दुनिया को जुकाम!  सभी की डोनाल्ड ट्रंप पर निगाह है। किस कारण? वजह उनका ‘अमेरिका फर्स्ट’ का नारा है। अर्थात ‘अमेरिका पहले’ बाद में सब! मगर क्या यह उन्नीसवीं सदी से बनी वास्तविकता नहीं है?  अमेरिका ने कब अपनी पंसद, अपनी प्राथमिकता में दुनिया को नहीं ढ़ाला? तभी अमेरिका दुनिया की नंबर एक ताकत बना और उसी की मनमाफिक विश्व...

  • ट्रंप मेहरबान हैं!

    राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से खुश हैं। वाशिंगटन में ट्रंप और मोदी वार्ता, प्रेस कांफ्रेंस की भाव-भंगिमा और साझा बयान का लब्बोलुआब है कि सब ठीक है। यों राष्ट्रपति बाइडेन के समय भी सब ठीक था। लेकिन बाइडेन प्रशासन अमेरिकी मिजाज-कायदे में बंधा था जबकि अब अमेरिका ट्रंप की मनमानी, कारोबारी स्वार्थों में चल रहा है। उस नाते अच्छा हुआ जो ट्रंप का चाहा मोदी सरकार ने पहले ही पूरा कर दिया। ट्रंप की शिकायत अनुसार भारत ने बजट में अमेरिका से आने वाली चीजों पर कस्टम ड्यूटी कम कर दी। भारत ने अमेरिका गए अवैध भारतीय प्रवासियों...

  • हो गया नरेंद्र भाई का ट्रंप-कार्ड री-चार्ज

    अंतरराष्ट्रीय राजनय और वैश्विक कारोबार के अध्येता जानते थे कि भारतीय प्रधानमंत्री की यह अमेरिका यात्रा मिजाज़पुर्सी और स्व-हित के मकसद से ज़्यादा है, राष्ट्रीय हित साधने के लिए उतनी नहीं। यह भी पहले से ही मालूम था कि हमेशा की तरह ही इस बार भी पलड़ा अमेरिकी हितों के पक्ष में झुका रहेगा और नरेंद्र भाई ज़्यादा आनाकानी करने की स्थिति में नहीं होंगे। वही हुआ। आप जब यह पढ़ रहे होंगे, तब तक हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र भाई मोदी अमेरिका और फ्रांस से अपनी ताजा राजनयिक जंग जीत कर देश लौट चुके होंगे। अपने तक़रीबन 11 बरस के प्रधानमंत्रित्व...

  • मौका गंवाने का नाम है भारत!

    अंतरराष्ट्रीय राजनय और वैश्विक कारोबार के अध्येता जानते थे कि भारतीय प्रधानमंत्री की यह अमेरिका यात्रा मिजाज़पुर्सी और स्व-हित के मकसद से ज़्यादा है, राष्ट्रीय हित साधने के लिए उतनी नहीं। यह भी पहले से ही मालूम था कि हमेशा की तरह ही इस बार भी पलड़ा अमेरिकी हितों के पक्ष में झुका रहेगा और नरेंद्र भाई ज़्यादा आनाकानी करने की स्थिति में नहीं होंगे। वही हुआ। आप जब यह पढ़ रहे होंगे, तब तक हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र भाई मोदी अमेरिका और फ्रांस से अपनी ताजा राजनयिक जंग जीत कर देश लौट चुके होंगे। अपने तक़रीबन 11 बरस के प्रधानमंत्रित्व...

  • अमेरिका से व्यापार बढ़ाएगा भारत

    अंतरराष्ट्रीय राजनय और वैश्विक कारोबार के अध्येता जानते थे कि भारतीय प्रधानमंत्री की यह अमेरिका यात्रा मिजाज़पुर्सी और स्व-हित के मकसद से ज़्यादा है, राष्ट्रीय हित साधने के लिए उतनी नहीं। यह भी पहले से ही मालूम था कि हमेशा की तरह ही इस बार भी पलड़ा अमेरिकी हितों के पक्ष में झुका रहेगा और नरेंद्र भाई ज़्यादा आनाकानी करने की स्थिति में नहीं होंगे। वही हुआ। आप जब यह पढ़ रहे होंगे, तब तक हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र भाई मोदी अमेरिका और फ्रांस से अपनी ताजा राजनयिक जंग जीत कर देश लौट चुके होंगे। अपने तक़रीबन 11 बरस के प्रधानमंत्रित्व...

  • ट्रंप से क्या सीखना चाहिए?

    अंतरराष्ट्रीय राजनय और वैश्विक कारोबार के अध्येता जानते थे कि भारतीय प्रधानमंत्री की यह अमेरिका यात्रा मिजाज़पुर्सी और स्व-हित के मकसद से ज़्यादा है, राष्ट्रीय हित साधने के लिए उतनी नहीं। यह भी पहले से ही मालूम था कि हमेशा की तरह ही इस बार भी पलड़ा अमेरिकी हितों के पक्ष में झुका रहेगा और नरेंद्र भाई ज़्यादा आनाकानी करने की स्थिति में नहीं होंगे। वही हुआ। आप जब यह पढ़ रहे होंगे, तब तक हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र भाई मोदी अमेरिका और फ्रांस से अपनी ताजा राजनयिक जंग जीत कर देश लौट चुके होंगे। अपने तक़रीबन 11 बरस के प्रधानमंत्रित्व...

  • टैरिफ को लेकर ‘टिट फॉर टैट’ की पॉलिसी अपनाएंगे अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप

    अंतरराष्ट्रीय राजनय और वैश्विक कारोबार के अध्येता जानते थे कि भारतीय प्रधानमंत्री की यह अमेरिका यात्रा मिजाज़पुर्सी और स्व-हित के मकसद से ज़्यादा है, राष्ट्रीय हित साधने के लिए उतनी नहीं। यह भी पहले से ही मालूम था कि हमेशा की तरह ही इस बार भी पलड़ा अमेरिकी हितों के पक्ष में झुका रहेगा और नरेंद्र भाई ज़्यादा आनाकानी करने की स्थिति में नहीं होंगे। वही हुआ। आप जब यह पढ़ रहे होंगे, तब तक हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र भाई मोदी अमेरिका और फ्रांस से अपनी ताजा राजनयिक जंग जीत कर देश लौट चुके होंगे। अपने तक़रीबन 11 बरस के प्रधानमंत्रित्व...

  • यूक्रेन संघर्ष हल करने को लेकर ट्रंप-पुतिन की बातचीत सकारात्मक

    अंतरराष्ट्रीय राजनय और वैश्विक कारोबार के अध्येता जानते थे कि भारतीय प्रधानमंत्री की यह अमेरिका यात्रा मिजाज़पुर्सी और स्व-हित के मकसद से ज़्यादा है, राष्ट्रीय हित साधने के लिए उतनी नहीं। यह भी पहले से ही मालूम था कि हमेशा की तरह ही इस बार भी पलड़ा अमेरिकी हितों के पक्ष में झुका रहेगा और नरेंद्र भाई ज़्यादा आनाकानी करने की स्थिति में नहीं होंगे। वही हुआ। आप जब यह पढ़ रहे होंगे, तब तक हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र भाई मोदी अमेरिका और फ्रांस से अपनी ताजा राजनयिक जंग जीत कर देश लौट चुके होंगे। अपने तक़रीबन 11 बरस के प्रधानमंत्रित्व...

  • भारत सरकार की सफलता?

    अंतरराष्ट्रीय राजनय और वैश्विक कारोबार के अध्येता जानते थे कि भारतीय प्रधानमंत्री की यह अमेरिका यात्रा मिजाज़पुर्सी और स्व-हित के मकसद से ज़्यादा है, राष्ट्रीय हित साधने के लिए उतनी नहीं। यह भी पहले से ही मालूम था कि हमेशा की तरह ही इस बार भी पलड़ा अमेरिकी हितों के पक्ष में झुका रहेगा और नरेंद्र भाई ज़्यादा आनाकानी करने की स्थिति में नहीं होंगे। वही हुआ। आप जब यह पढ़ रहे होंगे, तब तक हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र भाई मोदी अमेरिका और फ्रांस से अपनी ताजा राजनयिक जंग जीत कर देश लौट चुके होंगे। अपने तक़रीबन 11 बरस के प्रधानमंत्रित्व...

  • सॉफ्ट पॉवर पर डंडा

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  • ट्रंप के कानून निलंबित करने का फायदा अडानी को!

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  • शनिवार दोपहर तक होनी चाहिए सभी बंधकों की रिहाई, नहीं तो मचेगी तबाही: ट्रंप

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  • सनकी हाथों में अमेरिका!

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  • अमेरिका में सबकुछ इतनी आसानी से कैसे बदला?

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  • दक्षिण अफ्रीका से नाराज डोनाल्ड ट्रंप, फंडिंग में कटौती का आदेश

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  • डोनाल्ड ट्रंप ने अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायालय पर क्यों लगाया प्रतिबंध

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  • तो ट्रंप अब गाजा लेंगे

    अंतरराष्ट्रीय राजनय और वैश्विक कारोबार के अध्येता जानते थे कि भारतीय प्रधानमंत्री की यह अमेरिका यात्रा मिजाज़पुर्सी और स्व-हित के मकसद से ज़्यादा है, राष्ट्रीय हित साधने के लिए उतनी नहीं। यह भी पहले से ही मालूम था कि हमेशा की तरह ही इस बार भी पलड़ा अमेरिकी हितों के पक्ष में झुका रहेगा और नरेंद्र भाई ज़्यादा आनाकानी करने की स्थिति में नहीं होंगे। वही हुआ। आप जब यह पढ़ रहे होंगे, तब तक हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र भाई मोदी अमेरिका और फ्रांस से अपनी ताजा राजनयिक जंग जीत कर देश लौट चुके होंगे। अपने तक़रीबन 11 बरस के प्रधानमंत्रित्व...

  • ट्रंप ने गाजा पट्टी पर ‘अमेरिकी अधिकार’ का रखा प्रस्ताव

    अंतरराष्ट्रीय राजनय और वैश्विक कारोबार के अध्येता जानते थे कि भारतीय प्रधानमंत्री की यह अमेरिका यात्रा मिजाज़पुर्सी और स्व-हित के मकसद से ज़्यादा है, राष्ट्रीय हित साधने के लिए उतनी नहीं। यह भी पहले से ही मालूम था कि हमेशा की तरह ही इस बार भी पलड़ा अमेरिकी हितों के पक्ष में झुका रहेगा और नरेंद्र भाई ज़्यादा आनाकानी करने की स्थिति में नहीं होंगे। वही हुआ। आप जब यह पढ़ रहे होंगे, तब तक हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र भाई मोदी अमेरिका और फ्रांस से अपनी ताजा राजनयिक जंग जीत कर देश लौट चुके होंगे। अपने तक़रीबन 11 बरस के प्रधानमंत्रित्व...

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