Developed New Method

  • भारतीय वैज्ञानिकों ने हाइड्रोजेल बनाने की नई विधि विकसित की

    नई दिल्ली। कोलकाता में विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी) के एक स्वायत्त संस्थान बोस इंस्टीट्यूट के शोधकर्ताओं ने सार्स-सीओवी-1 वायरस के सिर्फ पांच अमीनो एसिड के छोटे प्रोटीन टुकड़ों का उपयोग कर हाइड्रोजेल (Hydrogel) बनाने का एक नया तरीका विकसित किया है। नई पद्धति लक्षित दवा वितरण को बेहतर बनाने और दुष्प्रभावों को कम करने में मदद कर सकती है। हाइड्रोजेल को उनके सूजन व्यवहार, यांत्रिक शक्ति और जैव अनुकूलता के कारण दवा वितरण के लिए उपयुक्त माना जाता है। छोटे पेप्टाइड-आधारित हाइड्रोजेल में अनुप्रयोगों की एक विस्तृत श्रृंखला के लिए काफी संभावनाएं हैं, इन प्रणालियों के जमाव को नियंत्रित...