राहुल की मनुस्मृति व संविधान बेहूदगी
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने पिछले दिनों झारखंड की राजधानी रांची में संविधान के सम्मान में आयोजित एक कार्यक्रम में देश में कथित तौर पर चल रहे वैचारिक संघर्ष को प्रतीकित करने वाली दो बातें कहीं। पहली, ‘मनुस्मृति संविधान विरोधी है’। यह एकदम बेतुकी बात है क्योंकि दो विचारों को एक दूसरे का विरोधी तभी कहा जा सकता है, जब वे समकालीन हों और एक साथ चलन में हों। दूसरी, ‘मनुस्मृति और संविधान के बीच दशकों से संघर्ष चल रहा है’। सवाल है कि क्या सचमुच इस तरह का कोई वैचारिक संघर्ष धरातल पर चल रहा है? इससे भी बड़ा...